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Sambhal Jama Masjid Violence: बीते दिन संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पहुंची पुलिसबल पर उपद्रवियों ने पथराव कर दिया था. इस पथराव में एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. इतना ही नहीं उपद्रवियों ने कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया. जिसके बाद लोगों पर काबू पाने के लिए पुलिसबल ने भी आंसू गैस और लाठीचार्ज किया. बावजूद इसके मामला बिगड़ता चला गया. इस घटना में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, इलाके में शांति बनाए रखने के लिए स्कूल-इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई.
Sambhal District Magistrate issues a notification prohibiting any outsider, social organization or public representative from entering Sambhal without the orders of the authorities. pic.twitter.com/dIUzoxszhw
— ANI (@ANI) November 25, 2024
संभल में बाहरी लोगों की एंट्री बंद!
वहीं, संभल के जिला मजिस्ट्रेट ने एक अधिसूचना जारी किया है. जिसमें किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जन प्रतिनिधि को बिना अधिकारियों के आदेश के इलाके में आने पर रोक लगा दी गई है. यह रोक 30 नवंबर तक के लिए लगाई गई है.
संभल जामा मस्जिद में भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत
बता दें कि 19 नवंबर को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने संभल के जामा मस्जिद में सर्वे के आदेश दिया था. इस आदेश के अनुसार भारी पुलिसबल के साथ सर्वे टीम पहुंची थी. सुबह 6 बजे जैसे ही सर्वे की टीम पहुंची, पहले से कुछ लोग मस्जिद के बाहर इसका विरोध कर रहे थे.
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शांति बनाए रखने के लिए स्कूल और इंटरनेट बंद
इसी दौरान अचानक से विरोध कर रहे लोगों ने पुलिस बल पर पथराव कर दिया. उपद्रवियों को रोकने के लिए पुलिस ने भी आंसू गैस और लाठीचार्ज किया. इस घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. घटना के बाद एसपी ने उपद्रवियों की सीसीटीवी से पहचान कर NSA लगाने की बात कही है. बावजूद इसके संभल में भड़की हिंसा शांत होने का नाम ही नहीं ले रही है. अब तक इस हिंसा में चार लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, इलाके में शांति बनाए रखने के लिए स्कूल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है.
29 नवंबर को पेश करनी है सर्वे रिपोर्ट
बता दें कि कोर्ट में याचिका दाखिल कर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि संभल शाही जामा मस्जिद की जगह पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था. साल 1529 में बाबर ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया था और उसकी जगह मस्जिद बना दिया था. इसी दावे को लेकर सर्वे की टीम भेजी गई थी. कोर्ट के आदेश के अनुसार सर्वे टीम को 29 नवंबर तक सर्वे की रिपोर्ट पेश करनी है.