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बढ़ती चुनौतियों के बीच वायुसेना की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने की जरूरत

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने वार्षिक कमांडरों के सम्मेलन के दौरान कहा, नवाचार, आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण के माध्यम से वायु सेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है.

Updated on: 17 Sep 2021, 02:24 PM

highlights

  • बदले महौल में भौतिक और साइबर सुरक्षा हैं जरूरी
  • आत्मनिर्भरता के लिए स्वदेशीकरण है जरूरी

प्रयागराज:

चीन की आक्रामक विस्तारवादी नीति समेत अफगानिस्तान में तालिबान राज की आड़ में पाकिस्तान की नापाक चालों के बीच भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने वार्षिक कमांडरों के सम्मेलन के दौरान कहा, नवाचार, आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण के माध्यम से वायु सेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है. भारतीय वायु सेना प्रमुख ने अपने वार्षिक कमांडरों के सम्मेलन के लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मध्य वायु कमान (सीएसी) के मुख्यालय का दौरा किया. उनका स्वागत एयर मार्शल आरजे डकवर्थ, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी-इन-सी) सीएसी ने किया. वायु सेना प्रमुख को कमान मुख्यालय पहुंचने पर औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

भौतिक-साइबर सुरक्षा पर रहे जोर
कमांडरों को अपने संबोधन में एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने परिचालन तैयारियों को बढ़ाने, रख-रखाव प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करने और मजबूत भौतिक और साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण विश्लेषण की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कमांडरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी प्लेटफार्मों, हथियार प्रणालियों और संपत्तियों की तैयारी उच्चतम स्तर पर रखी जाए. उन्होंने हाल के बाढ़ राहत प्रयासों और नागरिक प्रशासन को सहायता में मध्य वायु कमान की भूमिका की सराहना की.

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आत्मनिर्भरता के लिए स्वदेशीकरण है जरूरी
भारतीय वायु सेना प्रमुख ने कमांडरों से एक सुरक्षित परिचालन उड़ान वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने का अनुरोध किया और नवाचार, आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण के माध्यम से भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. इस महीने की शुरूआत में एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने वायु सेना चंडीगढ़ का दौरा किया, जो कि वायुसेना स्टेशन चंडीगढ़ की 60 वीं वर्षगांठ के अवसर पर भी था. उन्होंने स्टेशन में चल रही क्षमता वृद्धि और बुनियादी ढांचे के उन्नयन की पहल की समीक्षा की. उन्होंने सामान्य रूप से भारी लिफ्ट और हवाई रखरखाव कार्यों को पूरा करने और पूर्वी लद्दाख आकस्मिकता के दौरान तेजी से हवाई संचालन करने में स्टेशन के कर्मियों द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की. गौरतलब है कि भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए पीएलए सैनिकों को धूल चटाई थी.