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कोरोना के बीच बर्ड फ्लू के खतरे को लेकर यूपी में अलर्ट

योगी आदित्यनाथ ने लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतने को कहा है. उन्होंने स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग को पूरी तरह सतर्क रहने को कहा है.

Updated on: 07 Jan 2021, 02:03 PM

लखनऊ:

कोरोना महामारी के बीच अलग-अलग राज्यों में पक्षियों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं, उससे बर्ड फ्लू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार भी अलर्ट हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतने को कहा है. उन्होंने स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग को पूरी तरह सतर्क रहने को कहा है. उत्तर प्रदेश से सटे दूसरे राज्यों में पक्षियों में फैले बर्ड फ्लू के चलते यहां भी सतर्कता बढ़ाई जा रही है. यह बीमारी सिर्फ पक्षियों के लिए ही नहीं, बल्कि इंसानों के लिए भी घातक है. इस बीमारी से संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान आसानी से इससे संक्रमित हो जाते हैं.

वन विभाग ने भी बर्ड फ्लू के खतरे को भांपते हुए सावधानियां बरतने को कहा है. सभी ऐसी वॉटर बॉडी को चिन्हित करने को कहा गया है, जहां विदेशी पक्षी आते हैं. फील्ड स्टाफ को भी इसे लेकर सचेत किया गया है कि विदेशी या स्थानीय पक्षी की मृत्यु होने पर वे इसकी जानकारी पशुपालन विभाग व शासन को अवश्य दें. पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव भुवनेश कुमार ने बताया, फिलहाल यूपी में संक्रमण का केस नहीं आया है लेकिन हमें सतर्कता बढ़ानी होगी. इसके लिए अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि अगर प्रदेश में एक भी केस सामने आए तो इसे फैलने से रोका जा सके. निदेशालय ने सभी मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर अलर्ट रहने को कहा है. साथ ही आगे के निर्देशों के लिए गुरुवार को कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा पत्र भेजेंगे.

कुमार का कहना है कि सरकार सभी तरह के जरूरी कदम उठा रही है इसलिए चिकन के सेवन करने पर अभी घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, हम सभी जल निकायों पर कड़ी नजर बनाए रखेंगे जहां प्रवासी पक्षी आ रहे हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए कंट्रोल रूम 24 घंटे के लिए सक्रिय कर दिया है. साथ ही सभी जिलों खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा बरतने को कहा गया है. अपर निदेशक अवधेश श्रीवास्तव ने बताया कि टोलफ्री नंबर 18001805141 नंबर पर रोग फैलने की आशंका देखते हुए सूचना दर्ज कराई जा सकती है. उन्होंने कहा कि मुर्गी फार्म संचालकों को विशेष सतर्कता बरतने को भी कहा गया है.