इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन को अनुमति देना राष्ट्रहित में नहीं है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने के लिए फिरोजाबाद के जिला प्रशासन को निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि यदि याची भारतीय नागरिक है तो उसे हर हाल में शांति कायम रखनी चाहिए.
न्यायमूर्ति भारती सप्रू और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने कहते हुए यह याचिका खारिज कर दी कि 'याचिकाकर्ता को किसी भी तरह की राहत देना बुलिकुल भी राष्ट्रहित में नहीं है. यदि याचिकाकर्ता भारत का नागरिक है तो उसे किसी भी कीमत पर शांति बनाए रखना होगा. हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते.'
फिरोजाबाद जिले के मोहम्मद फरकुआन ने इस दलील के साथ अदालत का रुख किया था कि कुछ विद्यार्थी सीएए के विरोध में प्रदर्शन करना चाहते हैं. लेकिन जिला प्रशासन उन्हें इस बात की अनुमति नहीं दे रहा है. इस याचिका पर आपत्ति जताते हुए राज्य सरकार के वकील ने कहा कि इससे पहले 20 दिसंबर 2019 को फिरोजाबाद में कई जगहों पर हिंसा हुई थी.
जिसमें सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ था. इसलिए ऐसे किसी भी तरह के विरोध को अनुमति नहीं दी जा सकती. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अपनी टिप्पणी की है.
Source : News Nation Bureau