संगम नगरी इलाहाबाद बनी प्रयागराज, सीएम योगी बोले- विरोध करने वाले को इतिहास नहीं पता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में तय किया गया कि इलाहाबाद का नाम अब प्रयागराज होगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में तय किया गया कि इलाहाबाद का नाम अब प्रयागराज होगा.

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Deepak Kumar
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संगम नगरी इलाहाबाद बनी प्रयागराज, सीएम योगी बोले- विरोध करने वाले को इतिहास नहीं पता

इलाहाबाद का नाम अब प्रयागराज होगा (पीटीआई)

संगम नगरी इलाहाबाद अब प्रयागराज के नाम से जानी जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने आज यह महत्वपूर्ण फैसला किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में तय किया गया कि इलाहाबाद का नाम अब प्रयागराज होगा. बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि प्रयागराज नाम रखे जाने का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में आया, जिसे मंजूरी प्रदान कर दी गयी. ऋगवेद, महाभारत और रामायण में प्रयागराज का उल्लेख मिलता है .

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उन्होंने कहा कि सिर्फ वह ही नहीं, बल्कि समूचे इलाहाबाद की जनता, साधु और संत चाहते थे कि इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाए. दो दिन पहले जब मुख्यमंत्री ने कुंभ से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की थी, तो उन्होंने खुद ही प्रस्ताव किया था कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जाना चाहिए. सभी साधु संतों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगायी थी.

सिद्धार्थनाथ ने कहा कि जिन संस्थाओं के नाम में इलाहाबाद लगा हुआ है, उनका नाम भी बदल दिया जाएगा. इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद हाईकोर्ट व अन्य संस्थाओं को नाम को बदलने के लिए राज्य सरकार संबंधित संस्थाओं को पत्र लिखेगी.

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद में कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भी यह मुद्दा आया था. इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किये जाने की मांग अरसे से चल रही थी. राज्यपाल राम नाईक ने भी इसके नाम बदलने पर सहमति जताई थी.

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज रखने का समर्थन करते हुए कहा कि शहर में तीन पवित्र नदियों का संगम होने के कारण ही इसका नाम प्रयागराज है. इस शहर का नाम बदलने के औचित्य पर जो लोग सवाल खड़े कर रहे हैं, उन लोगों को इतिहास और संस्कृति की जानकारी नहीं है.

योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'करीब 500 साल पहले प्रयागराज का नाम मुगलकाल में बदलकर इलाहाबाद किया गया था. इस स्थान पर तीन पवित्र नदियों का प्रभाव है जिनका नाम गंगा, यमुना और सरस्वती है, इसलिए इस स्थान का नाम प्रयागराज रखा गया है. वो लोग जिन्हें इतिहास और परंपराओं के बारे में जीरो जानकारी है, वही इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं.'

इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किये जाने की की गयी घोषणा का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है. पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह कदम न केवल स्वागत योग्य है बल्कि अभिनन्दनीय है. योगी की इस घोषणा की प्रशंसा करते हुए पार्टी ने कहा कि लाखों करोड़ों लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए यह घोषणा ऐतिहासिक है.

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा. मनोज मिश्र ने कहा कि संगम तट प्रयाग का पौराणिक महत्व है. यह सर्वोत्तम और उत्कृष्ट तीर्थ है. तीर्थो का राजा है प्रयागराज. अकबर की निशानी को मिटाकर पौराणिक नाम प्रयाग देना ही श्रेयस्कर है. इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी बधाई के पात्र हैं.

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वहीं कांग्रेस ने इलाहाबाद का नाम बदलने के फैसले का विरोध किया है. कांग्रेस का कहना है कि इलाबाहाद में जहां कुंभ लगता है उस जगह को पहले से प्रयागराज कहा जाता है और अगर उत्तर प्रदेश सरकार शहर का नाम बदलना के लिए उतनी ही उत्सुक हैं तो इस जगह को अलग शहर बना देना चाहिए लेकिन इलाहाबाद का नाम नहीं बदला जाना चाहिए.

Source : News Nation Bureau

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