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Corruption का अनोखा मामला: HC में PayTM QR कोड से वसूली करता था अर्दली

Allahabad Hight Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट में भ्रष्टाचार का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जान कर लोग दांतोंं तले उंगली दबाने को मजबूर हो रहे हैं. क्योंकि कारनामा ही कुछ ऐसा है. यहां हाई कोर्ट के जज का ही अर्दली ऐसे हाईटेक तरीके से 'टिप खोरी' करता...

Updated on: 01 Dec 2022, 04:46 PM

highlights

  • हाई कोर्ट का अर्दली निकला हाई टेक
  • क्यूआर कोड लगाकर HC कैंपस में करता था वसूली
  • चीफ जस्टिस के आदेश पर किया गया सस्पेंड

प्रयागराज:

Allahabad Hight Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट में भ्रष्टाचार का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जान कर लोग दांतोंं तले उंगली दबाने को मजबूर हो रहे हैं. क्योंकि कारनामा ही कुछ ऐसा है. यहां हाई कोर्ट के जज का ही अर्दली ऐसे हाईटेक तरीके से 'टिप खोरी' करता पाया गया है, कि लोग उसकी दुस्साहस की तारीफ भी कर रहे हैं. साथ ही हैरान भी हो रहे हैं कि वो व्यक्ति हाई कोर्ट में ही अगर ऐसे कारनामों को अंजाम दे सकता है, तो सोचिए वो बाहर क्या करता होगा. जी हां, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज का अर्दली बाकायदा पेटीएम क्यूआर कोड ही अपनी कमर में लटका कर घूमता रहता था. वो भी इसलिए, कि कोई भी वकील या व्यक्ति अगर उसी खुशामद करने से महज इसलिए मना कर दे कि उसके पास नकद पैसे नहीं है या खुले पैसे नहीं है, तो वो क्यूआर कोड के जरिए ऑनलाइन 'टिप' ले सके. 

वीडियो वायरल होने के बाद हुई कार्रवाई

उसकी इस करतूत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसके बाद हाई कोर्ट ने कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया है. यही नहीं, उसके कारनामों के लिए जांच बैठा दी गई है. साथ ही उसे कहीं आने जाने से भी रोक दिया गया है. बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट जज का वो अर्दली वकीलों से ही वसूली करता था. वो कोई फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर पैसे ऐंठता था, तो मनपसंद तारीख लगाने और फाइलों को ऊपर नीचे करने के लिए भी.

चीफ जस्टिस ने लिया मामले का संज्ञान

इस मामले का वीडियो वायरल हुआ, तो हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को ही मामले का संज्ञान लेना पड़ गया. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल के आदेश पर अर्दली को सस्पेंड कर दिया गया है. और रजिस्ट्रार को उसके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. आरोपित अर्दली का नाम राजेंद्र कुमार है. जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान उसे निलंबन भत्ते जैसे भुगतान मिलते रहेंगे.