उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती फिर लटकी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक

उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती एक बार फिर लटक गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बुधवार को प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी.

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Dalchand Kumar
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Allahabah High Court

उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर इलाहाबाद HC ने लगाई( Photo Credit : फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती एक बार फिर लटक गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बुधवार को प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी. न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने कई याचियों की याचिका पर एक साथ सुनवाई करके यह फैसला पारित किया. इस मामले में अदालत ने एक जून को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. अब मामले में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी. याचिकाकर्ताओं ने घोषित परीक्षा परिणाम में कुछ प्रश्नों की सत्यता पर सवाल उठाया था. याचिका में छह विवादित प्रश्नों के जवाब को चुनौती दी गई थी.

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अदालत ने याचिकाकर्ताओं को विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक हफ्ते के भीतर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है. सरकार इन आपत्तियों को विश्व विद्यालय अनुदान आयोग को प्रेषित करेगी और अयोग इन आपत्तियों का निस्तारण करेगा. बता दें कि हाईकोर्ट का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब आज से कई जिलों में इस भर्ती परीक्षा की काउंसिलिंग थी. हालांकि कोर्ट के निर्णय के बाद इसे भी रोक दिया गया है. काउंसिलिंग कराने आए अभ्यर्थियों से उनके हस्ताक्षर लेकर उन्हें वापस जाने को कहा जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 6 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अपने आदेश में उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया था. अदालत ने राज्य सरकार द्वारा कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया और पूरी भर्ती प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए कटऑफ (सामान्य के लिए 65 फीसदी व आरक्षित के लिए 60 फीसदी अंक) पर मुहर लगाई थी. हालांकि एक बार फिर हाईकोर्ट ने भर्ती पर रोक लगा दी है.

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हाईकोर्ट के फैसले पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि अभी शिक्षकों की भर्ती में कोर्ट की तरफ से स्टे आर्डर की कोई कॉपी हमें नहीं मिली है. हम कॉपी का परीक्षण करेंगे और उसके बाद इस पूरे मामले में आगे की कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि किसी भी स्थिति में शिक्षकों की भर्ती हो. सरकार ने मजबूती से कोर्ट में अपना पक्ष रखा था और आज से हमने काउंसलिंग भी शुरू कर दी थी, लेकिन अभी कोई फैसला कोर्ट के ऑर्डर मिलने के बाद ही लिया जाएगा.

ज्ञात हो कि सरकार की तरफ से एकल न्यायाधीश के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 45 व आरक्षित के लिए 40 फीसदी रखने के आदेश दिए गए थे. छह जनवरी, 2019 को हुई भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद 7 जनवरी को राज्य सरकार ने इसमें अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 व आरक्षित के लिए 60 फीसदी तय किए थे. इसी के खिलाफ कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंचे थे और एकल पीठ ने सरकार को आदेश दिए थे. इससे शिक्षामित्रों व कम अंक प्रतिशत लाने वाले अभ्यर्थियों को राहत मिली थी. भर्ती के लिए 5 दिसंबर, 2018 को शासनादेश जारी कर अनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी.

यह वीडियो देखें: 

UP Teacher Bharti Uttar Pradesh 69000 Assistant Teacher Recruitment allahabad high court
      
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