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संभल की जामा मस्जिद में सफेदी की मिली इजाजत Photograph: (Social Media)
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Sambhal Jama Masjid: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को संभल की जामा मस्जिद में सफेदी करने की इजाजत देती. कोर्ट ने कहा कि जामा मस्जिद की सिर्फ बाहरी दीवारी की रंगाई और पुताई की जा सकती है.
संभल की जामा मस्जिद में सफेदी की मिली इजाजत Photograph: (Social Media)
Sambhal Jama Masjid: संभल की जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई करने की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इजाजत दे दी है. हालांकि इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने मस्जिद कमेटी को कुछ हिदायत भी दी है. जिसमें कहा गया है कि मस्जिद में केवल बाहरी दीवारों पर रंगाई और पुताई का काम किया जा सकता है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि मस्जिद के जिन हिस्सों में सफेदी की जरूरत है वहां पर एएसआई सफेदी कराएगी. इसके साथ ही कोर्ट ने मस्जिद में एक सप्ताह में सफेदी कराने का आदेश दिया है. मस्जिद में सफेदी कराने का खर्च कमेटी उठाएगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद में रंगाई-पुताई की अनुमति देते हुए ये भी कहा कि मस्जिद की बाहरी दीवार पर लाइटनिंग भी लगाई जा सकती है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि ये काम ढांचे को बिना किसी नुकसान पहुंचाए किया जाना चाहिए. इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने मस्जिद में सफेदी करने की इजाजत दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष यानी कि जामा मस्जिद कमेटी को बड़ी राहत मिली है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी.
UP | In the Sambhal Jama Masjid case, Allahabad High Court gives permission to whitewash the mosque from the outside and also decorate it with lights without tampering with anything. The next hearing in the case is on April 8.
— ANI (@ANI) March 12, 2025
रमजान का महीना शुरू होने से पहले मस्जिद कमेटी ने एएसआई और प्रशासन से जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई की इजाजत मांगी थी. जिसे खारिज कर दिया गया था, इसके बाद मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसपर हिंदू पक्ष ने नाराजगी जताई थी. हिंदू पक्ष ने आरोप लगाया था कि रंगाई-पुताई के बहाने मस्जिद के निर्माण में छेड़छाड़ होने की संभावना है.
संभल की जामा मस्जिद समिति के सदर जफर अली ने कहा कि सदियों से मस्जिद की सफाई और सजावट बिना किसी कानूनी अड़चन के की जाती रही है. उन्होंने कहा कि, लेकिन पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा की घटना के बाद यह कदम उठाना जरूरी हो गया. उन्होंने कहा कि बिना इजाजत मस्जिद में सफेदी का कार्य कराने पर विवाद उत्पन्न हो सकता था, इसलिए मस्जिद कमेटी से एएसआई से इसके लिए इजाजत मांगी थी.