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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सभी अंतरिम आदेशों को 31 मई तक बढ़ाया, जानिए वजह

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि उच्च न्यायालय द्वारा इलाहाबाद के साथ साथ लखनऊ और अधीनस्थ न्यायालयों द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेश, जो 15 मार्च, 2021 को अधीनस्थ थे, अपसंस्कृति के मद्देनजर 31 मई, 2021 तक बढ़ाए जाएंगे.

Updated on: 25 Apr 2021, 04:49 PM

highlights

  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेशों की तिथि बढ़ाई
  • कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से लिया फैसला
  • उत्तर प्रदेश के अधीनस्थ सभी अदालतों पर लागू होगा आदेश

इलाहाबाद :

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि उच्च न्यायालय द्वारा इलाहाबाद के साथ साथ लखनऊ और अधीनस्थ न्यायालयों द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेश, जो 15 मार्च, 2021 को अधीनस्थ थे, अपसंस्कृति के मद्देनजर 31 मई, 2021 तक बढ़ाए जाएंगे. कोविड महामारी की वजह से सभी स्तरों पर अदालतें कम क्षमता के साथ काम कर रही हैं. राज्य में कोविड 19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर शनिवार को आदेश पारित किया गया था. अदालत ने कहा, इस अदालत के अंतिरिम आदेश या निर्देश या उत्तर प्रदेश राज्य में इस अदालत के अधीन आने वाली कोई भी अदालत, जो तब तक संचालित करने के लिए होती है, जब तक कि संबंधित अदालत के विशिष्ट आदेश तक संशोधित नहीं हो जाती, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आदेशों को अगली तारीख के लिए दिया गया है.

अदालत ने कहा, निष्कासन, फैलाव या विध्वंस का कोई भी आदेश, जो पहले ही उच्च न्यायालय, जिला अदालत या सिविल कोर्ट द्वारा पारित हो चुका है, अगर आज तक निष्पादित नहीं किया गया तो वह जनहित याचिका की सुनवाई की अगली तारीख तक लागू रहेगा. अदालत ने कहा कि कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान 31 मई, 2021 तक किसी भी संपत्ति या संस्थान या व्यक्ति या पार्टी या किसी कॉर्पोरेट के संबंध में नीलामी के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेगा. सुनवाई की अगली तारीख के रूप में 31 मई, 2021 को बताते हुए अदालत ने कहा कि इस दिन भविष्य की स्थिति की समीक्षा अदालत द्वारा की जाएगी.

प्रदेश में राशन वितरण की योजना बना रही योगी सरकार
कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के चिकित्सीय प्रबंध करने के साथ ही सूबे की यूपी सरकार गरीब परिवारों की भूख मिटाने का इंतजाम करने में भी जुटी है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश भर में मई और जून में प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त अन्न (चावल/गेहूं) मुफ्त में दिया जाना है.  इस योजना के तहत सूबे में साढ़े तीन करोड़ से अधिक राशनकार्ड धारकों पर साढ़े 14 करोड़ लोगों को प्रदेश सरकार मई और जून में प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त अन्न (चावल/गेहूं) मुफ्त में देगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि राशन वितरण के इस कार्य में कोई कमी ना रहे. अपनी इस मंशा से उन्होंने अधिकारियों को भी अवगत करा दिया है. ऐसे में अब खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारी सूबे में साढ़े चौदह करोड़ लोगों को राशन मुहैया कराने की व्यवस्था करने में जुट गए हैं.

3 करोड़ 55 लाख राशन कार्ड धारक
कोरोना संक्रमण की तीखी लहर की बीच करोड़ों राशन कार्ड धारकों को कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराते हुए राशन बांटना कोई आसान कार्य नहीं हैं. प्रदेश में 3 करोड़ 55 लाख राशन कार्ड धारक हैं और साढ़े चौदह करोड़ लोगों को महीने में एक बार राशन बंटता है. प्रदेश का खाद्य विभाग साढ़े तीन करोड़ राशन काडरें पर साढ़े चौदह करोड़ लाभार्थियों को गेहूं दो रुपए किलो और चावल तीन रुपए किलो के सब्सिडाइज्ड रेट पर राशन देता है. प्रदेश की 80 हजार राशन की दुकानों के जरिए यह राशन हर महीने की 01 से 12 तारीख के बीच बांटा जाता है. इनके लिए साढ़े सात लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उठान हर महीने करना होता है.