Saheli Smart Card: क्या है 'सहेली स्मार्ट कार्ड' बनवाने की प्रक्रिया? दिल्ली में महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा के लिए जरूरी
चीन के इस गांव में 3 साल रहे थे कन्फ्यूशियस, सरकार ने किया संरक्षित
रूस के येकातेरिनबर्ग में 9वें चीन-रूस एक्सपो का भव्य उद्घाटन
47वां विश्व धरोहर समिति सम्मेलन पेरिस में शुरू
IND vs ENG: लॉड्स में केएल राहुल के पास कीर्तिमान बनाने का मौका, सिर्फ इतने रन बनाते ही सचिन तेंदुलकर को छोड़ देंगे पीछे
Patanjali: दुनिया के सबसे बड़े आयुर्वेदिक टेलीमेडिसिन सेंटर का हुआ उद्घाटन, अब घर बैठे मिलेगा इलाज
INS कवरत्ती से स्वदेशी ERASR रॉकेट का सफल परीक्षण: भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी क्षमता को मिली नई ताकत
दिल्ली : सिरसा का केजरीवाल पर निशाना, कहा- 'देश तोड़ने वालों से लेते हैं पैसा'
नोएडा में अवैध निर्माण पर बुलडोजर एक्शन, 18 करोड़ की जमीन अतिक्रमण मुक्त

अगर पति को सजा सुनाई तो समाज हित में नहीं होगा : HC

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़िता व आरोपी साढ़े चार साल के बेटे सहित शादीशुदा खुशहाल जीवन जी रहे हो तो पति पर नाबालिग से दुराचार व अपहरण के आरोप केस चलाना उचित नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यदि पति को सजा सुनाई गई तो समाज हित में नहीं होगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़िता व आरोपी साढ़े चार साल के बेटे सहित शादीशुदा खुशहाल जीवन जी रहे हो तो पति पर नाबालिग से दुराचार व अपहरण के आरोप केस चलाना उचित नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यदि पति को सजा सुनाई गई तो समाज हित में नहीं होगा.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
allahabad highcourt

Allahabad High Court( Photo Credit : फाइल फोटो)

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पीड़िता व आरोपी साढ़े चार साल के बेटे सहित शादीशुदा खुशहाल जीवन जी रहे हो तो पति पर नाबालिग से दुराचार व अपहरण के आरोप केस चलाना उचित नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यदि पति को सजा सुनाई गई तो समाज हित में नहीं होगा. पीड़िता पत्नी को भारी दिक्कत उठानी पड़ेगी और उसका भविष्य बर्बाद हो जाएगा. केस के बाद दोनों ने शादी कर ली और समझौता कर साथ रह रहे हैं. पीड़िता ने खुद ही कहा कि एफआईआर उसके मामा ने दर्ज कराई थी. केस में हाजिर नहीं हो रहे. उनका शादीशुदा जीवन बर्बाद करने पर तुले हुए हैं.

Advertisment

यह भी पढ़ें : NCR में आफत की बारिश: नोएडा-गुरुग्राम में अलर्ट, Work From Home का सुझाव

हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के ज्ञान सिंह केस के हवाले से याची के खिलाफ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बागपत की अदालत में चल रहे आपराधिक मुकदमे की पूरी कार्यवाही रद्द कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने राजीव कुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याची के खिलाफ बागपत के दोघट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. पुलिस की 25 जून 2015 की चार्जशीट पर कोर्ट ने 30 जुलाई 15 को संज्ञान भी ले लिया. 

यह भी पढ़ें : दूसरे टी-20 में विलेन बन सकती है बारिश, प्रैक्टिस भी नहीं कर पाए खिलाड़ी

याची पर नाबालिग का अपहरण कर दुराचार करने का आरोप है. याची ने पीड़िता से शादी कर ली. एक बच्चा भी है. खुशहाल जीवन बिता रहे हैं. याची का कहना था कि समझौता हो चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने ही संज्ञेय व अशमनीय कुछ अपराधों में समाज व न्याय हित में समझौते की सही माना है और कहा है कि हाईकोर्ट अंतर्निहित शक्तियों का इस्तेमाल कर केस कार्यवाही रद्द कर सकता है. कोर्ट ने पीड़िता व आरोपित के बीच समझौता होने व पीड़िता के खुशहाल जीवन बिताने के बयान को देखते हुए केस कार्यवाही रद्द कर दी है.

up-police allahabad high court allahabad hc kidnapping and rape case Accused married with victim
      
Advertisment