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कोरोना पर इलाहाबाद HC का योगी सरकार को फटकार, लॉकडाउन पर करें विचार

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की स्थिति बेहद भयावह हो चुकी है. बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 18,021 नए केस आए हैं. इनमें भी लखनऊ का आंकड़ा पांच हजार पार कर गया है.

Updated on: 13 Apr 2021, 11:41 PM

प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की स्थिति बेहद भयावह हो चुकी है. बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 18,021 नए केस आए हैं. इनमें भी लखनऊ का आंकड़ा पांच हजार पार कर गया है. यूपी में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने अधिक संक्रमित जनपदों में दो से तीन सप्ताह का लॉकडाउन लगाने पर विचार करने को कहा है. साथ ही मास्क का सख़्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है. सड़कों पर बगैर मास्क के लोगों के टहलने पर पुलिस के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी.

इलाहाबाद कोर्ट ने कहा कि धार्मिक, सामाजिक आयोजनों में 50 से अधिक लोग शामिल न हों. कोर्ट ने सरकार को ट्रैकिंग, टेस्टिंग व ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. शहरों में खुले मैदान में अस्थायी अस्पताल बनाकर लोगों के इलाज का भी निर्देश दिया गया है. जरूरी समझने पर संविदा पर स्टॉफ की तैनाती की जाए. कोरोना को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया है. 

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि नदी में तूफान आने पर बांध उसे नहीं रोक पाते, बावजूद हमें कोरोना संक्रमण को रोकने का प्रयास करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि दिन में भी गैर जरूरी यातायात को नियंत्रित करना चाहिए. अगर जीवन रहेगा तो अर्थव्यवस्था भी दुरुस्त हो जाएगी.

कोर्ट ने कहा कि विकास व्यक्तियों के लिए है जब लोग ही नही होंगे तो विकास क्या अर्थ रह जाएगा. लॉकडाउन  लगाना सही नहीं है, लेकिन संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिसको देखते हुए सरकार को अधिक संक्रमित वाले शहरों में लॉकडाउन लगाने पर विचार करना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि संक्रमण को फैलते एक साल हो गए. इसके बावजूद इलाज की सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका. 

इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइन का सख़्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 19 अप्रैल तक सचिव स्तर के अधिकारी का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. प्रयागराज के सीएमओ और जिलाधिकारी को कोर्ट में पेश होने का कहा है. यूपी बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों की जांच के लिए बल दिया जाना चाहिए. 

कोर्ट ने कहा कि एसपीजीआई लखनऊ की तरह प्रयागराज के एसआरएन में भी कोरोना आईसीयू और सुविधाएं बढ़ाई जाएं. कोर्ट ने राज्य सरकार व केंद्र सरकार को एंटी वायरल दवाओं के उत्पाद व आपूर्ति बढ़ाने तथा जमाखोरी करने वालों पर सख़्ती का निर्देश दिया है..