प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को हरी झंडी मिल गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. कोर्ट ने कॉरिडोर के निर्माण कार्यों के ख़िलाफ़ दाख़िल अवमानना याचिका खारिज करते हुए तीनों याचिकाकर्ताओं पर पांच-पांच हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. बता दें कि विश्वनाथ कॉरिडोर (Vishwanath Corridor) पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
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वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रदीप श्रीवास्तव के अलावा दो अन्य लोगों ने अवमानना अर्जी दाखिल की थी. गंगा तट से 200 मीटर के दायरे में किसी तरह के निर्माण पर रोक के हाईकोर्ट के पुराने आदेश को अवमानना बताया था. अर्जी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्यों पर रोक लगाए जाने का आदेश दिए जाने की मांग की गई थी.
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इन याचिकाओं पर जस्टिस एसपी केसरवानी की बेच में सुनवाई हुई. कोर्ट ने माना कि गंगा नदी के 200 मीटर के दायरे में कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है, लेकिन जनहित को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा गठित कमेटी व अन्य विभागों ने निर्माण की अनुमति दी है. सरकार की ओर से कहा गया कि निर्माण से गंगा नदी में कोई प्रदूषण नहीं होगा. सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करके ही निर्माण हो रहा है. जिसके बाद अदालत ने माना कि अवमानना याचिका में तमाम तथ्यों को छिपाया गया था. कोर्ट ने इस पर आज अपना फैसला सुना दिया है, जिससे कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.
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