AIMPLB ने कहा, 'हम निकाह, हलाला और बहुविवाह का समर्थन करते हैं'
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निकाह, हलाला, बहु विवाह, शरिया कोर्ट के खिलाफ दायर याचिका का विरोध किया है. बोर्ड ने 1997 के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ये साफ हो चुका है कि पर्सनल लॉ को मूल अधिकारों की कसौटी पर नहीं आंका जा सकता.
नई दिल्ली:
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निकाह हलाला, बहु विवाह, शरिया कोर्ट के खिलाफ दायर याचिका का विरोध किया है. बोर्ड ने 1997 के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ये साफ हो चुका है कि पर्सनल लॉ को मूल अधिकारों की कसौटी पर नहीं आंका जा सकता. बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह निकाह हलाला, बहु विवाह का समर्थन करता है. बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने मुस्लिम समाज में प्रचलित बहुविवाह और निकाह हलाला परंपराओं के खिलाफ अर्जी दाखिल की है.
इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. इसके साथ ही इस मामले को संविधान पीठ को भेजने का फैसला किया है. लेकिन अभी तक इसका संविधान पीठ का गठन नहीं हुआ है.
याचिका में हलाला और बहुविवाह को रेप जैसा अपराध घोषित करने की मांग की गई है. जबकि बहुविवाह को संगीन अपराध घोषित करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि यह प्रथाएं संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन करते हैं. उपाध्याय के मुताबिक अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता का अधिकार देता है. वहीं अनुच्छेद 15 धर्म, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें