मदरसों का नाम जेहन में आते है हमारे मन मे एक पहले से बनी बनाई तस्वीर उभरती है. शेरवानी, गोल टोपी और दाढ़ी के साथ इस्लाम की दीनी तालीम हासिल करते मुस्लिम छात्र. लखनऊ के उत्तरी रेलवे स्टेडियम में इसी छवि को तोड़ने के लिए 350 मदरसा छात्र जुटे हैं. लखनऊ, भोपाल, हैदराबाद, केरल समेत देश के अलग अलग राज्यों से आये मदरसों के यह उत्साही छात्र देश के पहले ऑल इंडिया मदरसा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 का हिस्सा हैं और पूरे उत्साह से प्रतियोगिता में शिरकत कर रहे हैं. शॉटपुट, हाई जंप, रनिंग समेत एथलेटिक्स की कई विधाओं में यह अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं. विजेता इनमें से कुछ ही होंगे, लेकिन इनका जोश बहुत ही हाई है, इसमें कोई शक नहीं है.
यह प्रतियोगिता आस्ट्रेलिया में रहने वाले NRI शमीम भाई की मेहनत का नतीजा है. शमीम भाई कहते हैं कि मदरसों को लेकर जो धारणा लोगों में बनी है, उस धारणा को वो इस चैंपियनशिप के जरिये तोड़ना चाहते हैं.शमीम भाई का कहना है कि यह प्रतियोगिता वो किसी मदरसे के मैदान में भी आयोजित कर सकते थे,लेकिन उन्होंने रेलवे स्टेडियम को इस लिए चुना जिससे कि मदरसों के बच्चे भी अपनी रोज की दुनिया से बाहर निकले और उन जगहों पर जाकर लोगों से घुले मिलें जहां दूसरे लोग और अन्य खिलाड़ी आते हैं.
चैंपियनशिप में हिस्सा ले रहे बच्चों का उत्साह भी सातवें आसमान पर दिखा. बच्चों ने भी मदरसों में स्पोर्ट्स एक्टिविटीज शुरू करने और एक स्पोर्ट्स टीचर की परमानेंट नियुक्ति की भी मांग की. मदरसा छात्रों का कहना था कि वो भी किसी से कम नहीं है. मदरसों में कट्टरपंथ नहीं सिखाया जाता है, बल्कि उन्हें अगर मौका मिले तो वो भी एशियाड और ओलिंपिक में देश का सिर गर्व से ऊपर कर सकते हैं,लेकिन इसके लिए भरोसा रखना होगा और मौका देना होगा.
Source : News Nation Bureau