पूर्व विधायक कृष्णानन्द राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी समेत सभी आरोपी बरी, यहां जानिए पूरी कहानी
पूर्व विधायक कृष्णानन्द राय (Krishnanand Rai Murder Case) हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट (CBI Court) ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है.
highlights
- मामले में आरोपी मुन्ना बजरंगी की पहले ही हो चुकी है मौत
- AK-47 से चलाई गई थीं करीब 400 गोलियां
- पोस्टमॉर्टम में शवों में से डॉक्टरों ने 67 गोलियां निकाली थी
नई दिल्ली:
पूर्व विधायक कृष्णानन्द राय (Krishnanand Rai Murder Case) हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट (CBI Court) ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के अलावा बाकी आरोपियों में उसका भाई अफ़ज़ाल अंसारी (Afzal Ansari), संजीव माहेश्वरी (Sanjeev Maheshwari), एजाजुल हक़, राकेश पांडेय, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी और मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) शामिल थे.
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इसमें से मुन्ना बजरंगी (Munna Bajrangi) की पिछले साल बागपत जेल में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. आज बाकी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया. आरोप था कि मुख्तार अंसारी के कहने पर मुन्ना बजरंगी ने कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) की गाड़ी पर अपने साथियों के साथ मिलकर लखनऊ हाइवे पर AK47 से करीब 400 गोलियां बरसाई थी.
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इस हत्याकांड ने पूरे पूर्वांचल को दहला दिया था. इस हमले में गाजीपुर से विधायक कृष्णानंद राय के अलावा उनके साथ चल रहे 6 अन्य लोग भी मारे गए थे.
मुख्तार के लिए राय थे चुनौती
बताया जाता है कि 90 के दशक के आखिर में पूर्वांचल के सरकारी ठेकों और वसूली के कारोबार पर मुख्तार अंसारी का कब्जा था. लेकिन इसी दौर में बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय भी तेजी से उभर रहे थे. वह खुद एक बाहुबली थे. वह लगातार मुख्तार के लिए चुनौती बनते जा रहे थे.
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कृष्णानंद राय का करीबी ब्रजेश लगातार अपने गैंग की ताकत बढ़ा रहा था. इतना ही नहीं इनकी धमक अंडरवर्ल्ड में भी सुनाई देने लगी थी. जब मुख्तार कृष्णानंद को चुनौती समझने लगा तो उसने मुन्ना बजरंगी को जिम्मेदारी सौंपी कि राय को खत्म कर दे.
7 शवों में से निकली 67 गोली
गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 की शाम को भांवरकोल क्षेत्र के बसनिया पुलिया की करीब अपराधियों ने AK-47 से बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय व उनके छह साथियों को गोली से भून दिया था. इसमें उनके साथ मुहम्मदाबाद से पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्यामशंकर राय, अखिलेश राय, भांवरकोल ब्लॉक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव और उनके बॉडीगार्ड निर्भय नारायण की हत्या कर दी गई थी.
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कृष्णानंद राय मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में एक क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद सियाड़ी से बसनिया के लिए जा रहे थे. लेकिन लट्ठूडीह-कोटवा मार्ग पर उनकी मौत खड़ी थी.
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राय का काफिला जब बसनिया चट्टी के आगे बढ़ा तो उसी वक्त घात लगाकर बैठे हत्यारों ने उन पर गोली बारी शुरू कर दी. इस घटना में करीब 400 गोलियां चलाई गई थीं. मारे गए 7 लोगों के शरीर से 67 गोलियां निकली थीं. मुखबिरी इतनी सटीक थी कि अपराधियों को पता था कि राय अपने बुलेट प्रूफ वाहन में नहीं हैं. राय को मारने के बाद आरोपी निशानी के तौर पर अंगूठी निकाल ले गए थे.
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