Doctor Death: 'डॉक्टर डेथ' देवेंद्र शर्मा पर इस खुलासे से हर कोई हैरान, 50 से ज्यादा हत्याओं का आरोप

Aligarh: साल 2004 में गिरफ्तार होने के बाद कोर्ट ने उसे कई मामलों में उम्रकैद और एक मामले में फांसी की सजा सुनाई. लेकिन 2023 में वह तिहाड़ जेल से दो महीने की पैरोल पर बाहर आया.

Aligarh: साल 2004 में गिरफ्तार होने के बाद कोर्ट ने उसे कई मामलों में उम्रकैद और एक मामले में फांसी की सजा सुनाई. लेकिन 2023 में वह तिहाड़ जेल से दो महीने की पैरोल पर बाहर आया.

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Yashodhan.Sharma
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Aligarh: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला एक खूंखार अपराधी राजस्थान के दौसा जिले से साधू के भेष में पुलिस के हत्थे चढ़ गया. यह कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि 50 से अधिक हत्याओं का आरोपी और मानव अंग तस्करी करने वाला कुख्यात अपराधी देवेंद्र शर्मा है, जिसे लोग 'डॉक्टर डेथ' के नाम से जानते हैं.

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कौन हैं 'देवेंद्र शर्मा'

देवेंद्र शर्मा पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक रहा है. 1984 में पटना से बीएएमएस की डिग्री लेने के बाद उसने चिकित्सा क्षेत्र में करियर शुरू किया, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. 1990 के दशक में वह मानव अंगों की तस्करी में शामिल हो गया. पुलिस के अनुसार, उसने 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट कराए और 50 से अधिक टैक्सी व ट्रक चालकों की हत्या की.

उम्र कैद और फांसी की मिली सजा

साल 2004 में गिरफ्तार होने के बाद कोर्ट ने उसे कई मामलों में उम्रकैद और एक मामले में फांसी की सजा सुनाई. लेकिन 2023 में वह तिहाड़ जेल से दो महीने की पैरोल पर बाहर आया और फरार हो गया. फरारी के दौरान उसने खुद को ‘दयादास महाराज’ के रूप में एक मंदिर में स्थापित कर लिया और प्रवचन देने लगा.

ऐसे हुई गिरफ्तारी संभव

पुलिस को उसकी गिरफ्तारी एक तकनीकी गलती से संभव हो सकी. देवेंद्र ने अपने पुराने नंबर को दोबारा रिचार्ज कराया, जिससे उसकी लोकेशन ट्रेस हो गई. पुलिस ने दौसा जिले के मंदिर से उसे गिरफ्तार किया. वहां वह न केवल पूजा-पाठ करता था बल्कि क्लीनिक भी चलाता था, जहां वह मरीजों से पैसे लेकर इलाज करता था.

लग्जरी जीवन जीता था देवेंद्र

देवेंद्र शर्मा मंदिर में लग्जरी जीवन जी रहा था. उसके कमरे में एसी, वाई-फाई, सीसीटीवी जैसी सुविधाएं मौजूद थीं. इतना ही नहीं, उसने वृद्धाश्रम खोलने की भी योजना बना ली थी, जिसमें उसने कई हाईटेक सुविधाएं स्थापित कर दी थीं.

अब पुलिस यह जांच कर रही है कि फरारी के इन दो सालों में उसने किन-किन अपराधों को अंजाम दिया और क्या अब भी उसके नेटवर्क में अन्य लोग सक्रिय हैं. ‘डॉक्टर डेथ’ की गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि धर्म और विश्वास के नाम पर लोगों को गुमराह करने वाले ऐसे अपराधियों से कैसे सतर्क रहा जाए.

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