Aligarh: पांच साल बाद जिंदा लौटा मरा हुआ शख्स, पत्नी ने रिश्तेदारों पर लगाया था हत्या का आरोप

Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मृत शख्स 5 साल बाद जिंदा लौटकर आता है. बताया जा रहा है कि युवक की पत्नी ने रिश्तेदारों पर ही उसकी हत्या का आरोप लगाया था.

Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मृत शख्स 5 साल बाद जिंदा लौटकर आता है. बताया जा रहा है कि युवक की पत्नी ने रिश्तेदारों पर ही उसकी हत्या का आरोप लगाया था.

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Yashodhan.Sharma
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Aligarh crime news

Representational Image Photograph: (Social)

Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां जिस शख्स की हत्या का केस लिखवाया था वह पांच साल बाद जिंदा निकला. पुलिस के अनुसार धोखाधड़ी के एक मामले में पांच साल से लापता चल रहे अरविंद चौहान को आजमगढ़ नगर कोतवाली पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया. अरविंद की पत्नी ने उसके लापता होने के बाद रिश्तेदारों पर उसकी हत्या का आरोप लगाया था और हत्या की रिपोर्ट तक दर्ज करवा दी थी. लेकिन पुलिस जांच ने सभी को चौंका दिया.

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ये है पूरा मामला

अरविंद चौहान जहानागंज थाना क्षेत्र के इदिलपुर गांव का निवासी है. उसने साल 2006 में एलकेमिस्ट लिमिटेड नाम की कंपनी में मार्केटिंग एजेंट के रूप में काम शुरू किया था. यह कंपनी वर्ष 2017 में फरार हो गई. इस दौरान अरविंद ने अपने कई रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों के पैसे इस कंपनी में जमा कराए थे. जब कंपनी भाग गई तो लोगों ने अरविंद से अपने पैसे वापस मांगे. बढ़ते दबाव और समाज में बदनामी के डर से अरविंद ने 2019 में खुद ही साजिशन घर छोड़ दिया और गायब हो गया.

2019 में लिखाई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट

जुलाई 2019 में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट जहानागंज थाने में दर्ज कराई गई थी. इस बीच उसके एक रिश्तेदार वासुदेव चौहान ने अरविंद, उसके पिता मुसाफिर चौहान और पत्नी सुनीता पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया. इसके बाद पत्नी सुनीता ने कोर्ट का सहारा लेकर वर्ष 2024 में वासुदेव चौहान और एक अन्य रिश्तेदार घरभरन निवासी नोनरा समेदा थाना सिधारी के खिलाफ अरविंद की हत्या का आरोप लगाते हुए नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

ऐसे हुआ खुलासा

नगर कोतवाल शशिमौलि पांडेय ने मीडिया को बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अरविंद के परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) निकाली गई. जांच में कई संदिग्ध नंबर सामने आए और पता चला कि अरविंद अलग-अलग नंबरों से अपने परिवार से संपर्क में था. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मंगलवार को लखनऊ स्थित आईआईएम के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस अधिकारी के अनुसार अरविंद पिछले पांच साल नौ महीने से लखनऊ में छिपकर रह रहा था. ऑपरेशन मुस्कान के तहत उसे पकड़ा गया. अब पुलिस उससे पूछताछ कर रही है कि वह इतने सालों तक कहां-कहां छिपा रहा और किन लोगों से संपर्क में था.

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