उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार की एक और प्रोजेक्ट अब जांच के घेरे में आ गई है। गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट के बाद योगी ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की जांच के आदेश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेज कर आदेश दिया है कि वो पिछले 18 महीने में हुए जमीन खरीद के हर मामले की जांच करें।
आरोप है कि जमीन अधिग्रहण में कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि वाली जमीन को रिहाइशी जमीन की श्रेणी में दिखाया गया था। जिससे कि उन्हें सरकार से ज्यादा मुआवजा मिल सके।
एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 10 जिलों के 232 गांवों में लगभग 3,500 हेक्टेयर भूमि 30,456 किसानों की सहमति से खरीदी गई थी। जमीन के लिए भुगतान को छोड़कर परियोजना की अनुमानित लागत 11526.73 करोड़ रुपये तय की गई थी।
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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे अखिलेश यादव के महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक था। उन्होंने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया था और पूरे चुनाव में काम की तारीफ की थी।
अखिलेश ने एक जनसभा में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अगर इस एक्सप्रेस वे पर चलेंगे तो वह समाजवादी पार्टी को ही वोट देंगे।
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अब योगी आदित्यनाथ ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे की जांच के लिए आदेश दिये हैं। इससे पहले योगी ने गोमती रिवर फ्रंट की जांच के आदेश दिये थे।
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HIGHLIGHTS
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की होगी जांच, योगी आदित्यनाथ ने दिये जांच के आदेश
- एक्सप्रेसवे के लिए खरीदी गई जमीन में धांधली का है आरोप
- अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले एक्सप्रेस वे का किया था उद्घाटन
Source : News Nation Bureau