मायावती-मुलायम एक मंच पर आए, तो अखिलेश ने कह दी बड़ी बात, जानिए क्या

कहा गया है कि राजनीति में न कोई किसी का दोस्त होता है, और न दुश्मन. यह बात मैनपुरी के क्रिश्चियन कॉलेज मैदान में शुक्रवार को एक बार फिर चरितार्थ हुई है, जब एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बएसपी प्रमुख मायावती ने एक साथ मंच साझा किया.

author-image
Yogendra Mishra
एडिट
New Update
मायावती-मुलायम एक मंच पर आए, तो अखिलेश ने कह दी बड़ी बात, जानिए क्या

सांकेतिक फोटो

कहा गया है कि राजनीति में न कोई किसी का दोस्त होता है, और न दुश्मन. यह बात मैनपुरी के क्रिश्चियन कॉलेज मैदान में शुक्रवार को एक बार फिर चरितार्थ हुई है, जब एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बएसपी प्रमुख मायावती ने एक साथ मंच साझा किया. दोनों नेता और उनके दल पहले भी एकसाथ काम कर चुके हैं. लेकिन दो जून, 1995 को लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस कांड ने दोनों के बीच इतनी गहरी खाई खोद दी थी कि उसे पाटने में लगभग 25 साल लग गए. 

Advertisment

एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं और मायवती उनके लिए वोट मांगने आई थीं. दोनों नेताओं ने लगभग ढाई दशक बाद एकसाथ मंच साझा किया. इस चुनाव में एसपी, बीएसपी, आरएलडी का गठबंधन है.

यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके कहा, 'चुनाव आयोग को हमारा शुक्रगुजार होना चाहिए'

बसपा सुप्रीमो मायावती मायावती और मुलायम सिंह के मंच साझा करने के बारे में अखिलेश यादव ने कहा कि मायावती जी और नेता जी को एक मंच पर आने से दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है. दोनों दलों के कार्यकर्ता अब एक साथ हैं. अब वोट बरसेगा, लेकिन सावधान रहना होगा क्योंकि भाजपा वाले ध्यान हटाने में माहिर हैं

रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती पहले ही मंच पर पहुंच चुकी थीं, और मुलायम बाद में पहुंचे. मुलायम जैसे ही मंच पर पहुंचे मायावती खड़ी हुईं और उन्होंने आगे बढ़कर मुलायम को सहारा दिया. मुलायम मंच पर मायावती के बगल में बैठे. मंच की यह तस्वीर गठबंधन प्रतिद्वंद्वियों को संदेश देने के लिए पर्याप्त है कि दोनों दल भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं.

यह भी पढ़ें- जिस मां ने पैदा किया, उसकी कर दी बेरहमी से हत्या, कारण जानकर हो जाएंगे दंग

मैनपुरी के क्रिश्चियन कॉलेज मैदान में आयोजित इस रैली में एसपी, बएसपी और रालोद के शीर्ष नेताओं के बड़े-बड़े कट-आउट लगाए गए थे. मंच पर भी डॉ. भीमराव आंबेडकर, छत्रपति शाहूजी महाराज, बएसपी के संस्थापक कांशीराम, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया की तस्वीरें लगाकर एकजुटता का संदेश देने और तीनों दलों के समर्थकों को खुश करने की कोशिश की गई है.

मुलायम ने अपने संबोधन में कहा, "मायावती हमारे लिए वोट मांगने आईं हैं. हम उनका स्वागत करते हैं." उन्होंने मायावती को संबोधित करते हुए कहा, "आपके इस एहसान को कभी नहीं भूलूंगा." मुलायम ने रैली में मौजूद लोगों से कहा कि मायावती का बहुत सम्मान करना होगा, माया ने हमेशा हमारा साथ दिया है.

इसके जवाब में मायावती ने भी मुलायम सिंह के लिए जनता से वोट की अपील की. इस दौरान गेस्ट हाउस कांड का दर्द भी उनके भाषण में छलका. उन्होंने कहा, "न भूलने वाले कांड के बाद भी हम एकसाथ चुनाव लड़ रहे हैं." साथ ही उन्होंने मुलायम सिंह को ही पिछड़ों का असली नेता बताया.

Source : News Nation Bureau

mulayam and mayawati on one statge mulayam and mayawati Akhilesh Yadav News Akhilesh Yadav mulayam yadav news
      
Advertisment