देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण का संकट तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसके लिए दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों की देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोनावायरस के प्रसार में मुख्य भूमिका सामने आई है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों पर उठ रहे सवालों के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बुधवार को कहा कि इस बात की भी समीक्षा की जाए कि मरकज से जुड़े लोगों को वीजा किसने और क्यों दिया.
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अखिलेश यादव ने एक 'ट्वीट' में इन लोगों पर उठ रही उंगलियों की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'समीक्षा करने वाले सदिच्छा से इसकी भी समीक्षा-परीक्षा करें कि जिनकी धर-पकड़ की जा रही है उन्हें कब, क्यों व किसने वीज़ा दिया?' उन्होंने यह भी पूछा, 'कोरोना के कितने टेस्ट किए जा रहे हैं? अन्य बीमारियों के इलाज व भूखे-भटके लोगों के लिए क्या व्यवस्थाएं हैं? कृपया राहत कोष की पारदर्शिता की भी समीक्षा करें.'
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गौरतलब है कि प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमितों में निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों की संख्या लगभग आधी है. इसे लेकर खासकर सोशल मीडिया पर इनके प्रति नफरत भरे संदेशों की बाढ़ सी आ गई है. जगह-जगह इनकी धर-पकड़ की जा रही है. प्रदेश के स्वास्थ्य निदेशालय भी कोरोना संक्रमण के आंकड़े देने के लिये रोजाना जारी होने वाले बुलेटिन में इन लोगों की अलग से जानकारी दे रहा है. अलग से एक कॉलम भी बनाया गया है. इस पर भी कुछ मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जतायी है.
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Source : Bhasha