कोटा से UP के छात्रों को लाने पर अखिलेश यादव बोले- गरीब क्यों नहीं?
राजस्थान के कोटा में इंजीनियरिंग व मेडिकल की कोचिंग करने वाले उत्तर प्रदेश के करीब 7500 छात्र फंसे हैं.
लखनऊ:
Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण से बचाने के लिए हुए लॉकडाउन (Lockdown) के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के सात हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए योगी सरकार ने 200 बसें भेजी हैं. सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पूछा है कि वहां भुखमरी का शिकार (oronavirus (Covid-19), Lockdown Part 2 Day 1, Lockdown 2.0 Day one, Corona Virus In India, Corona In India, Covid-19) हो रहे गरीबों के लिए क्या योजना है? राजस्थान के कोटा में इंजीनियरिंग व मेडिकल की कोचिंग करने वाले उत्तर प्रदेश के करीब 7500 छात्र फंसे हैं. छात्रों के अभिभावकों की मांग पर मुख्यमंत्री योगी ने वहां फंसे छात्रों को वापस लाने की कवायद शुरू की है. शुक्रवार को आगरा व झांसी से 200 से ज्यादा बसों को कोटा रवाना किया गया. शनिवार को ये बसें छात्रों को लेकर लौटेंगी.
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गरीबों के लिए भी कोई योजना बनाएं सरकार
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा, "राजस्थान के कोटा में फंसे उप्र के विद्यार्थियों को वापस लाने की योजना का स्वागत है. लेकिन सवाल यह है कि अन्य राज्यों में भुखमरी का शिकार हो रहे अति निम्न आय वर्ग के गरीबों को वापस लाने की क्या योजना है और ये भी कि प्रदेश के तथाकथित नोडल अधिकारियों के मोबाइल मूक-मौन क्यों हैं?" राजस्थान के कोटा में उत्तर प्रदेश के सात हजार से अधिक छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग तथा मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. वहां के विभिन्न कोचिंग सेंटरों में ये छात्र प्रतियोगिता में कामयाबी के गुर सीख रहे हैं. लंबे लॉकडाउन के कारण कोचिंग बंद होने से ये लोग वहां फंसे हैं. इनकी मदद करने योगी आदित्यनाथ सरकार आगे आई है.
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खाने के इंतजाम की जिम्मेदारी भी दी गई
सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों का बेड़ा तैयार कर लिया है. इसके लिए आगरा से 100, अलीगढ़ से 72 और इटावा से 75 बसें भेजने का निर्देश दिया गया है. बसों की निगरानी की जिम्मेदारी आगरा परिक्षेत्र के आरएम मनोज त्रिवेदी व सर्विस मैनेजर एसपी सिंह को दी गई है. सर्विस मैनेजर खुद अपनी देखरेख में बसों को सैनिटाइज कराने के बाद ही कोटा रवाना कर रहे हैं. सभी ड्राइवरों को मास्क व सैनिटाइजर देने के साथ खाने के इंतजाम की जिम्मेदारी भी दी गई है. छात्रों को बसों में बैठाने से पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग होगी. इसके बाद उन्हें मास्क देकर बसों में बैठाया जाएगा. किसी भी बस में 35 से ज्यादा छात्र नहीं बैठेंगे. बसों में सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं. कोटा पहुंचने के बाद बसों से आने वालों छात्रों को उनके इलाकों के अनुसार भेजा जाएगा.
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