लोगों की मदद पर अखिलेश यादव बोले- योगी सरकार राजनीति से ऊपर उठकर निर्णय लें, तो हम तैयार हैं!

अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि जिन बच्चों को मिड-डे मील मिल रहा था, उन सभी बच्चों के घरों तक भोजन पहुंचाया जाए.

अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि जिन बच्चों को मिड-डे मील मिल रहा था, उन सभी बच्चों के घरों तक भोजन पहुंचाया जाए.

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Sushil Kumar
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Akhilesh yadav

Akhilesh yadav( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन में सबसे बड़ी दिक्कत लोगों को खाने की है. यह समस्या सबसे अधिक गरीब, असहाय, बुजुर्गों और विधवाओं में है. इस बंदी में इन लोगों को खाना कैसे मिलेगा. इस दौरान स्कूल भी बंद है. बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील भी बंद है. इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि जिन बच्चों को मिड-डे मील मिल रहा था, उन सभी बच्चों के घरों तक भोजन पहुंचाया जाए.

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बच्चों के घरों पर पहुंचाया जाए मिड-डे मील

अखिलेश यादव ने कहा कि जो बच्चे मिड-डे मील में पौष्टिक आहार पा रहे थे, उनके लिए इस कोरोना काल में घरों तक भोजन पहुंचाने की व्यवस्था सरकार तत्काल करें. अगर सरकार राजनीति से ऊपर उठकर निर्णय लें, तो वो गांव-गांव तक फैले सपा के संगठन व कार्यकर्ताओं की साइकिल के माध्यम से ये वितरण संभव कर सकती है. हम तैयार हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि खाद्य सामग्री को लेकर सरकार की तरफ से ये स्पष्टीकरण आना चाहिए कि अभी उसके पास कितने और दिनों का भंडारण है. जिससे लोग अनावश्यक संग्रहण से बचें. गेहूं से आटा बनाने का काम तुरंत युद्ध स्तर पर करने हेतु इससे संबंधित औद्योगिक इकाइयों को तत्काल शुरू करना चाहिए. जनता से संयम की अपील है.

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योगी आदित्यनाथ ने गरीबों के लिए खोला खजाना

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीबों, बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों और आश्रितों के लिए खजाना खोल दिया है. एक क्लिक में इनके खातों में 850 करोड़ रुपये भेजे जाएंगे. समाज कल्याण विभाग, दिव्यांग कल्याण विभाग और महिला कल्याण विभाग की तरफ से क़रीब 83 लाख लोगों को पैसा मिलेगा. मनरेगा मज़दूरों को एक दिन में 611 करोड़ के भुगतान के बाद अब सबसे बड़ा भुगतान होने जा रहा है. सीएम ने कहा कि लॉकडाउन का सौ प्रतिशत पालन कराया जाए. साथ ही पुलिसकर्मी संवेदनशीलता के साथ लोगों को समझाएं और बुझाएं. कानून का पालन ना करने पर वैधानिक कार्रवाई करें. हर व्यक्ति को भोजन मिले, कोई भूखा नहीं रहना चाहिए. शेल्टर होम अच्छे से बनाए जाएं. सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो. भोजन के साथ एक वक्त चाय भी अवश्य दें. खुद डीएम शेल्टर होम की जिम्मेदारी देखें.

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