CAA को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर अखिलेश यादव ने कही ये बात...

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध और समर्थन को लेकर पूरे प्रदर्शन चल रहा है. वहीं सीएए को लखनऊ विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम क तौर पर शामिल करने की तैयारी चल रही है.

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध और समर्थन को लेकर पूरे प्रदर्शन चल रहा है. वहीं सीएए को लखनऊ विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम क तौर पर शामिल करने की तैयारी चल रही है.

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Yogendra Mishra
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Akhilesh Yadav

अखिलेश यादव।( Photo Credit : फाइल फोटो)

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध और समर्थन को लेकर पूरे प्रदर्शन चल रहा है. वहीं सीएए को लखनऊ विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम क तौर पर शामिल करने की तैयारी चल रही है. सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात सामने आते ही इस पर राजनीति शुरु हो गई है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर तंज कसा है तो वहीं अब पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना विरोध जताया है.

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अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि ''सुनने में आया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में CAA को रखा जा रहा है. अगर यही हाल रहा तो शीघ्र मुखिया जी की जीवनी भी विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाएगी व लेक्चर की जगह उनके प्रवचन होंगे और बच्चों की शिक्षा में उनकी चित्र-कथा भी शामिल की जाएगी.''

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अखिलेश यादव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ विश्वविद्यालय में सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल करने का विरोध किया था. उन्होंने कहा है कि बसपा इसका सख्त विरोध करती है और यूपी की सत्ता में आने पर इसे वापस लेगी.

मायावती ने ट्वीट में कहा था कि 'सीएए पर बहस आदि तो ठीक है लेकिन कोर्ट में इसपर सुनवाई जारी रहने के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा इस अतिविवादित व विभाजनकारी नागरिकता कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करना पूरी तरह से गलत व अनुचित. बीएसपी इसका सख्त विरोध करती है तथा यूपी में सत्ता में आने पर इसे अवश्य वापस ले लेगी.'

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आपको बता दें कि विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र की हेड ऑफ डिपार्टमेंट शशि शुक्ला कह चुके हैं कि जल्द ही सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सीएए इस समय देश में सबसे बड़ा सम-सामयिक विषय है. इसलिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है.

Source : News Nation Bureau

Akhilesh Yadav Samajwadi Party mayawati
      
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