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आगामी विधान सभा चुनाव से पहले सत्तारुढ़ समाजवादि पार्टी में कलह की खबरें खुलकर लोगों के सामने आने लगी थी। पार्टी में कलह के बाद अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने को लेकर भी सवाल उठने लगे थे।
इन सवालों पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विराम लगा दिया। उन्होंने कहा, 'अखिलेश यादव ही एसपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।'
The confusion is in media, not within party or people; SP will win and Akhilesh Yadav will become CM: Kiranmoy Nanda, SP pic.twitter.com/9B60xlicTM
— ANI UP (@ANINewsUP) October 17, 2016
शुक्रवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से जब सवाल पूछा गया कि पार्टी अगर जीतती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा तो सवाल का जवाब देते हुए सपा प्रमुख ने कहा था कि जीत के बाद पार्टी के विधायक तय करेंगे कि सीएम कौन बनेगा।
मुलायम के इस बयान के बाद कयास लगने लगे थे कि परिवार में वर्चस्व की लड़ाई के मद्देनज़र अब अखिलेश की मुख्यमंत्री की कुर्सी जा सकती है।
मुलायम के इस बयान के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखकर कहा था कि अखिलेश को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं बनाना बहुत बड़ी गलती होगी। बाद में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा था कि अगर हम बहुमत में आए तो अखिलेश यादव का नाम मुख्यमंत्री होंगे।
2017 में भारत के सबसे बड़े सूबे में चुनावी दंगल होना है। 403 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर अलग-अलग सर्वे में पार्टी को लगभग 100 सीटों का नुकसान होते हुए दिख रहा है। 2012 विधानसभा चुनाव में पार्टी को 224 सीट मिली थी।
राज्य में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सपा चुनाव से पहले ही विपक्ष के निशाने पर थी । अब पार्टी में पारिवारिक कलह को भी विपक्ष निशाना बना रहा है। हालांकि पार्टी किसी भी तरह के विवादों से इंकार कर रही है।