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प्रयागराज में दंगाइयों के समर्थन में अखिलेश यादव, जावेद पंप का किया बचाव

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) प्रयागराज के दंगाई जावेद पंप उर्फ जावेद मोहम्मद के समर्थन में आए. उन्होंने इस मामले को लेकर योगी सरकार की आलोचना की.

Updated on: 12 Jun 2022, 06:58 PM

highlights

  • हिंसा के मामले में जावेद पंप को गिरफ्तार किया था
  • पुलिस की मानें तो जावेद पंप प्रयागराज हिंसा का मास्टरमाइंड है
  • हिंसा के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है

नई दिल्ली:

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) प्रयागराज के दंगाई जावेद पंप उर्फ जावेद मोहम्मद के समर्थन में आए. उन्होंने इस मामले को लेकर योगी सरकार की आलोचना की. उन्होंने ट्विटर पर  कहा, "ये कहां का इंसाफ़ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जांच पड़ताल बुलडोज़र से सज़ा दी जा रही है. इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान.''  गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में हुई हिंसा के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है.

इस बीच पुलिस ने प्रयागराज के अटाला इलाके में हुई हिंसा के मामले में जावेद पंप को गिरफ्तार किया था. पुलिस की मानें तो जावेद पंप प्रयागराज हिंसा का मास्टरमाइंड है. वहीं, पुलिस के अलावा प्रयागराज विकास प्रधिकारण भी जावेद पंप के खिलाफ कार्रवाई की है. प्राधिकरण की ओर से जावेद के घर को गिराने की कार्रवाई की गई. इस दौरान भारी पुलिस बल तैनाती की गई. 

 

इससे पहले  प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) ने प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद पंप के आवास को तोड़ने का नोटिस दिया गया और उसे आज सुबह 11 बजे तक घर खाली करने के लिए कहा गया. क्योंकि यह "अवैध रूप से निर्मित" है. उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार, 10 जून को राज्य में हुए विरोध प्रदर्शन के मामले में अब  तक कुल 304 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें प्रयागराज से 91, सहारनपुर से 71, हाथरस से 51, मुरादाबाद से 34, फिरोजाबाद से 15 और अंबेडकरनगर से 34 लोग है और 13 FIR दर्ज हुई है. 

हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

अधिवक्ता मंच से जुड़े वकीलों की तरफ से ध्वस्तीकरण के खिलाफ हाईकोर्ट में लेटर पिटीशन डाली गई. मंच ने जावेद मोहम्मद के मकान के ध्वस्तीकरण को असंवैधानिक बताया. लेटर पिटीशन में दावा मकान जावेद मोहम्मद की पत्नी परवीन के नाम पर है. परवीन फातिमा को उनके पिता ने मकान गिफ्ट किया था. मुस्लिम ला में पत्नी के मकान पर पति का हक नहीं  होता है. पिटीशन में मकान दोबारा बनाने और हर्जाना देने की मांग की गई.