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अखिलेश का ब्राह्मण कार्ड...सियासत तेज, जानें किस मामले पर सपाई भी हैरान

सत्ता परिवर्तन के लिए अखिलेश ने जगह जगह कार्यकर्ताओं से रू -ब रू होकर जोश भरा तो वहीं बिना कार्यक्रम के उन्नाव के वरिष्ठ ब्राह्मण सपा नेता के घर पहुंचे और कोरोना काल में जान गवाने पर सपा नेता के बेटे के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी .

Updated on: 22 Jul 2021, 07:13 AM

highlights

  • अखिलेश यादव खेला ब्राम्हाण कार्ड
  • यूपी की सियासत चुनाव से पहले गर्माई 
  • यूपी के चुनावी दंगल में अखिलेश की 'उन्नाव' से इंट्री

उन्नाव:

यूपी की सियासत में अखिलेश यादव ने हर बार इंट्री के लिए उन्नाव की जमीन को चुना है, बुधवार को अखिलेश 2012 की तर्ज पर अपने सियासी हाईटेक रथ से लखनऊ से उन्नाव के लिए निकले थे . रथ पर सवार अखिलेश यादव ने लखनऊ की सीमा से उन्नाव तक के रास्ते में जगह जगह कार्यकर्ताओं से हाथ मिलाकर हौसला बढ़ाया तो उमड़े जन समूह से ( अखिलेश यादव ) को एक बार फिर उन्नाव से वाया लखनऊ के रास्ते यूपी की ' सत्ता ' की चाबी मिलने उम्मीद की किरण जरूर जगी होगी. सत्ता परिवर्तन के लिए अखिलेश ने जगह जगह कार्यकर्ताओं से रू -ब रू होकर जोश भरा तो वहीं बिना कार्यक्रम के उन्नाव के वरिष्ठ ब्राह्मण सपा नेता के घर पहुंचे और कोरोना काल में जान गवाने पर सपा नेता के बेटे के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी .

यूपी में ' मिशन 2022 ' की सियासत तेज

वहीं परिवार को सरकार आने पर मृतक की पत्नी को हर संभव मदद का भरोसा दिया . इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं लेकिन सपा नेता का कहना है कि अखिलेश यादव ने बेटे की मौत पर घर आने का वादा किया था , जिसके तहत वह घर पहुंचे थे. अखिलेश के तूफानी दौर से साफ हो गया है कि सपा पूरी तरीके से चुनावी मोड में आ चुकी है . यूपी में ' मिशन 2022 ' की सियासत अब हर दिन रफ्तार पकड़ रही है . प्रियंका गांधी ने बीजेपी को रोकने के लिए जहां सभी दलों से एक साथ आने का कार्ड खेला है . वहीं बहुजन समाज पार्टी ने एक बार फिर ब्राह्मण वर्ग को अपने साथ लाने के लिए ब्राह्मण सभा के आयोजन की शुरुआत कर चुनावी शंखनाद फूंक दिया है .

यूपी के चुनावी दंगल में अखिलेश की 'उन्नाव' से इंट्री

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनावी रथ पर सवार होकर यूपी के चुनावी दंगल में ' उन्नाव ' के रास्ते सधी और सटीक इंट्री कर दी है . उन्नाव की राजनीतिक सियासत की पिच से अखिलेश ने साफ कर दिया है कि वो बड़े दलों के बजाए छोटे दलों से गठबंधन कर सत्ता का सफ़र तय करेंगे . बुधवार को अखिलेश यादव के दौरे के दौरान पूर्व मंत्री स्व मनोहर लाल ( जो निषाद परिवार से ताल्लुक रखते थे ) इनकी मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम के अलावा 3 अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने का कार्यक्रम जारी हुआ था .

मंच से अखिलेश यादव ने निषाद समाज को सपा से जोड़ने की कवायद की तो वहीं सभी वर्ग का हितैषी होने का संदेश भी देने का काम मंच से किया था . इस दौरान अखिलेश ने सियासत की नब्ज को पकड़ते हुए उन्नाव के वरिष्ठ ब्राह्मण सपा नेता सी के त्रिपाठी के घर के लिए निकल पड़े तो सपाई कुछ देर के लिए असमंजस में पड़ गए थे . अखिलेश यादव का काफिला ब्राह्मण नेता के घर पहुंचते ही स्वागत किया गया .

ब्राह्मण नेता के घर पहुंचे अखिलेश यादव

कोरोना काल में बीते 29 अप्रैल को ब्राह्मण नेता के छोटे बेटे अभिनव त्रिपाठी की मौत होने पर अखिलेश यादव ने परिवार को ढांढस बंधाते हुए मृतक के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी . वहीं यूपी मे सरकार बनने पर मृतक की पत्नी अजिता त्रिपाठी को हर संभव मदद का भरोसा दिया . अखिलेश ने करीब एक घंटे तक बंद कैमरे में त्रिपाठी और उनके परिवार के सदस्यों से गुफ्तगू की. ब्राह्मण नेता के घर अचानक पहुंचने को लेकर राजनीतिक दल इसे अखिलेश यादव के ब्राह्मण कार्ड से जोड़कर भी देख रहे हैं .