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अखिलेश यादव ने CM योगी से की अपील, घर लौट रहे जिनकी मृत्यु हुई, उन्हें 25 लाख की आर्थिक मदद दें

अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार शवों की पहचान कर स-सम्मान उन्हें उनके घरों तक पहुंचाए और 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दें.

Updated on: 01 Apr 2020, 01:47 PM

लखनऊ:

कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन में मजदूर वर्ग के लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जिसके चलते मजदूर एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन करने को मजबूर हैं. लोगों को भूखमरी का डर सता रहा है. जिसके चलते सभी लोग अपने घर को जाना चाहते हैं. इसको लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि घर लौट रहे जिन लोगों की रास्ते में मृत्यु हो गयी है, सरकार शवों की पहचान कर स-सम्मान उन्हें उनके घरों तक पहुंचाए और 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दें.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में लॉकडाउन का पूरी तरह पालन हो

समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं-समर्थकों से अपील है कि वो समाजवादियों की जन-जन की सहायता करने की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए अपनी-अपनी क्षमता-सामर्थ्य के अनुसार अपने आस-पास भटक रहे लोगों के भोजन, दवाई, इलाज व विश्राम की व्यवस्था करके यथा संभव मदद करें. यही सच्चा पुण्य-सवाब है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तबलीगी जमात में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए मेरठ-आगरा का दौरा रद्द कर दिया. दौरा रद्द करते ही मुख्यमंत्री सीधे लखनऊ पहुंच गए. अपने आवास पर आला अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में लॉकडाउन का पूरी तरह पालन हो. इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि तबलीगी की जमात से जुड़े हुए लोगों की तेज़ी से तलाश की जाए. वे जहां मिले उन्हें तत्काल क्वारंटाइन किया जाए.

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पूर्व स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भी सेवा लें

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर आपात सेवा के लिए रिटायर्ड आर्मी मेडिकल अफसरों के साथ ही साथ पूर्व स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भी सेवा लें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहरी राज्यों में मौजूद उत्तर प्रदेश के नागरिकों की पूरी मदद की जाए. उनके भोजन आदि का प्रबंध अवश्य कराया जाए. उन्होंने कहा कि संस्थानों के मालिक अपने कर्मचारियों और श्रमिकों के भोजन का हर हाल में प्रबंध करें. यदि वह नहीं कर पा रहे तो प्रशासन को सूचित करके सभी श्रमिकों और कर्मचारियों के भोजन का इंतज़ाम सुनिश्चित कराएं. प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए.