सपा-बसपा गठबंधन : क्‍या अखिलेश यादव और मायावती चुनाव बाद कहेंगे 'वाह ताज'

प्रेस कॉन्फ्रेंस का वेन्‍यू (Venue) वहीं रखा गया है, जहां विधानसभा चुनाव के दौरान एक और गठबंधन हुआ था.

प्रेस कॉन्फ्रेंस का वेन्‍यू (Venue) वहीं रखा गया है, जहां विधानसभा चुनाव के दौरान एक और गठबंधन हुआ था.

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Sunil Mishra
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सपा-बसपा गठबंधन : क्‍या अखिलेश यादव और मायावती चुनाव बाद कहेंगे 'वाह ताज'

अखिलेश यादव और मायावती (फाइल फोटो)

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी आज गठबंधन का ऐलान करेंगे. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए महागठबंधन का आकार सामने आ जाएगा और यह भी साफ हो जाएगा कि कौन दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. शनिवार को गठबंधन की रूपरेखा के बारे में बताने के लिए अखिलेश यादव और मायावती प्रेस कांफ्रेंस करेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस का वेन्‍यू (Venue) वहीं रखा गया है, जहां विधानसभा चुनाव के दौरान एक और गठबंधन हुआ था. इस बार के गठबंधन में एक चेहरा तो वहीं होगा, लेकिन दूसरा चेहरा मायावती का होगा. विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी अखिलेश के साथ थे. वह गठबंधन भी सर्दियों में 29 जनवरी 2107 को हुआ था और यह गठबंधन भी 12 जनवरी 2019 को होने जा रहा है. एक बार फिर लखनऊ का होटल ताज इस नए गठबंधन का गवाह बनेगा.

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विधानसभा चुनाव के दौरान गठबंधन के दौरान कहा गया था कि 'यूपी के लड़के' साथ मिलकर यूपी को बदल देंगे. तब पूरे चुनाव के दौरान 'यूपी के लड़के' फेमस हो गया था. सलमान खान की फिल्‍म के गाने बेबी को बेस पसंद है की तर्ज पर 'यूपी को यह साथ पसंद है' का नारा दिया गया था. सपा ने कांग्रेस 100 विधानसभा सीटें दी थीं लेकिन बीजेपी की आंधी में गठबंधन का फॉर्मूला फेल हो गया और समाजवादी पार्टी 47 तो कांग्रेस केवल 7 सीटों पर सिमट गई. बाद में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस से गठबंधन करना सपा की भूल थी, अगर सपा अकेले चुनाव लड़ती तो ज्यादा फायदे में रहती.

सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में से सपा और बसपा की योजना 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ने की है. इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को भी दो या तीन सीटें देने की चर्चा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सीट अमेठी और सोनिया गांधी की सीट रायबरेली पर महागठबंधन अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगा.निषाद पार्टी को भी महागठबंधन में शामिल किया जा सकता है.

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2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 80 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने 73 सीटें जीती थीं और इस बार उसके नेता 73 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं. बसपा-सपा और रालोद ने साथ मिलकर उपचुनाव लड़ा था जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट और उप मुख्यमंत्री की फूलपुर सीट से सपा प्रत्याशियों को जीत मिली थी. जबकि कैराना सीट पर रालोद प्रत्याशी ने भाजपा से यह सीट छीनी थी. पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वह 15 जनवरी को अपने जन्म दिन के दिन महागठबंधन की साझा प्रेस कांफ्रेंस कर सकती है लेकिन अब जन्म दिन के तीन दिन पहले ही इस प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया जा रहा है.

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Source : News Nation Bureau

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