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अखाड़ा परिषद चाहता है हरिद्वार कुंभ मेले का भव्य आयोजन

एबीएपी चाहता है कि हरिद्वार में होने वाला कुंभ मेला भव्य पैमाने पर आयोजित किया जाए, क्योंकि महामारी अब कमजोर पड़ रही है.

Updated on: 28 Dec 2020, 11:43 AM

प्रयागराज:

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) चाहता है कि हरिद्वार में होने वाला कुंभ मेला भव्य पैमाने पर आयोजित किया जाए, क्योंकि महामारी अब कमजोर पड़ रही है. एबीएपी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को नए साल में प्रयागराज की यात्रा करने और वार्षिक माघ मेले के लिए किए गए प्रबंधों को देखने के लिए निमंत्रण भेजा है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कोविड से संक्रमित हैं और फिलहाल अस्पताल में हैं.

एबीएपी प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, हम चाहते हैं कि वह देखें कि माघ मेले का आयोजन महामारी के बावजूद कैसे किया जा रहा है. एबीएपी हरिद्वार कुंभ मेले को छोटे पैमाने पर आयोजित करने पर विचार कर रहा था, लेकिन अब कोरोना के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं. एबीएपी ने फैसला किया है कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए मेले को पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जाना चाहिए.

एबीएपी के महासचिव और जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि ने कहा कि देश भर में कोरोना मामलों की घटती संख्या के संदर्भ में वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा, अगर, दुर्भाग्य से फरवरी के मध्य के बाद देश में कोरोना के मामले बढ़ जाते हैं, तो उत्तराखंड प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार काम किया जाएगा. फिलहाल हम अपने धार्मिक कार्यक्रम पर कोई समझौता नहीं करेंगे.

एबीएपी के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने आगे कहा कि ऐसा कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि एबीएपी ने कभी कहा था कि हरिद्वार कुंभ आयोजित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रयागराज की तरह हरिद्वार में गंगा नदी का तट विशाल है और संत नदी के दूसरे तट पर जाने के लिए तैयार हैं, जहां कुंभ में आने वाले संतों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त जगह है.

उन्होंने कहा कि संतों ने हमेशा माना है कि कोरोनो वायरस के संबंध में मौजूदा स्थिति के अनुसार कुंभ आयोजित किया जाना चाहिए और इसलिए, इस कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाना चाहिए. हरिद्वार में कुंभ मेला 11 मार्च से शुरू होने वाला है और 27 अप्रैल को संपन्न होगा.