आगरा: जूते और होटल कारोबार पर 12% GST, उद्यमी कर रहे विरोध
जूते और होटल कारोबार पर सरकार ने जीएसटी बढ़ा दी है. 18 जुलाई से जीएसटी की नई दरें लागू हो जाएंगी. लेकिन आगरा में होटल और जूता उद्यमी जीएसटी बढ़ने का विरोध कर रहे हैं. दरअसल, ताज संरक्षण की वजह से आगरा में आयरन इंडस्ट्रीज चौपट हो चुकी है.
highlights
- जूता और होटल उद्योग पर जीएसटी की मार
- अब 12 फीसदी देनी होगी जीएसटी
- व्यापारियों ने की सरकार ने राहत देने की मांग
आगरा:
जूते और होटल कारोबार पर सरकार ने जीएसटी बढ़ा दी है. 18 जुलाई से जीएसटी की नई दरें लागू हो जाएंगी. लेकिन आगरा में होटल और जूता उद्यमी जीएसटी बढ़ने का विरोध कर रहे हैं. दरअसल, ताज संरक्षण की वजह से आगरा में आयरन इंडस्ट्रीज चौपट हो चुकी है. आगरा में अब पर्यटन और लेदर उद्योग ही लोगों का सहारा बना हुआ है. आगामी सोमवार से लेदर पर 12 फीसदी जीएसटी देनी होगी. होटलों में 1000 रुपए तक के कमरों पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी लागू हो जाएगी. इससे आगरा में होटल और जूता व्यवसाइयों की कमाई पर सीधा असर पड़ेगा.
नई टैक्स नीति का व्यापारी कर रहे विरोध
आगरा के पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने इस नई टैक्स नीति का विरोध किया है. उनके अनुसार अब होटल में 1 हजार रुपए तक के कमरे पर भी 18 जुलाई से 12 प्रतिशत जीएसटी देना होगा. आगरा में होटल व्यवसाई इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं. होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने बताया कि कोरोना महामारी में होटल व्यवसाय ठप रहा. उससे अभी उभर भी नही पाए थे कि अब एक नया नियम जीएसटी को लेकर है. अब एक हजार रुपए तक के कमरे पर जीएसटी थोपी गई है, जिससे होटल व्यवसाय के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है.
आगरा में होटल कारोबारी परेशान
आगरा में छोटे-बड़े करीब 700 होटल हैं. छोटे होटलों में जीएसटी का हिसाब रखने के लिए हर माह हजारों रुपए का खर्चा बढ़ जाएगा. इस नई नीति का विरोध करते हुए आज होटल एन्ड रेस्टोरेंट एशोसिएशन के पदाधिकारी सांसद आगरा के घर पहुंचे. जहां सांसद एसपी सिंह बघेल के न होने पर उनके प्रतिनिधि को ज्ञापन दिया गया जिसमें मांग की गई कि ये टैक्स प्रक्रिया खत्म की जाए.
देश का 60 फीसदी जूता आगरा में निर्मित
आगरा में बड़े पैमाने जूते का कारोबार होता है. कारोबारियों का कहना है कि देश का करीब 60 प्रतिशत जूता आगरा में ही तैयार होता है. जूता निर्यात में आगरा का 30 प्रतिशत से अधिक योगदान है. आगरा के जूता उद्यमियों के संगठन से जुड़े व्यापारियों ने बताया कि आगरा में जूते के कारोबार से करीब 5 लाख लोग जुड़े हैं. जूते के रॉ मटेरियल पर 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होने से कैपिटल कॉस्ट बढ़ जाएगी. इनपुट्स और कम्पोनेंटस की दृष्टि से यह अच्छा कदम नहीं है. हम इसका विरोध करते हैं. दरअसल, ये दोनों ही उद्योग आगरा की रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं. ऐसे में उन्होंने निश्चय लिया है और सरकार से अपील की है कि वो जीएसटी की नई दरों को न बढ़ाये. वरना दोनों ही उद्योग बर्बाद हो जाएंगे. ऐसे में व्यापारियों को आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
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