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आगरा एयरपोर्ट की सिविल टर्मिनल योजना फिलहाल ड्रॉप, नहीं मिली पर्यावरण मंजूरी

आगरा के विकास की उम्मीदों को पंख लगाने वाली सिविल एन्क्लेव के निर्माण की योजना को ड्राप कर दिया गया है. पर्यावरणीय मंजूरी नहीं मिलने की वजह से योजना को ड्राप किया गया है. आपको बता दें कि सिविल एन्क्लेव के लिए आगरा में जमीन अधिग्रहीत...

Updated on: 07 Jul 2022, 03:09 PM

highlights

  • आगरा एयरपोर्ट पर सिविल टर्मिनल का काम फिलहाल रुका
  • पर्यावरण संबंधी क्लियरेंस न मिलने के चलते फैसला
  • ताजनगरी आगरा के पास नहीं है अपना सिविल एयरपोर्ट

आगरा:

आगरा के विकास की उम्मीदों को पंख लगाने वाली सिविल एन्क्लेव के निर्माण की योजना को ड्राप कर दिया गया है. पर्यावरणीय मंजूरी नहीं मिलने की वजह से योजना को ड्राप किया गया है. आपको बता दें कि सिविल एन्क्लेव के लिए आगरा में जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है और उसकी चहारदीवारी की जा चुकी है. सिविल एन्क्लेव के निर्माण को 398 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई थी. 30 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में सिविल टर्मिनल का भवन बनाया जाना था. यहां पीक आवर्स में 700 यात्रियों के लिए व्यवस्था की जानी थी.

सुप्रीम कोर्ट से मिली थी अनुमति, लेकिन...

सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर, 2019 को खेरिया एयरपोर्ट पर सिविल टर्मिनल बनाने के लिए एएआइ को अनुमति प्रदान कर दी थी. इसके बावजूद सिविल एन्क्लेव के लिए पर्यावरणीय मंजूरी नहीं मिलना आश्चर्यजनक है. फिलहाल सिविल एन्क्लेव की योजना को ड्राप कर दिया गया है, जो शहर के उद्योगों व पर्यटन के लिए अत्यंत निराशाजनक है. आगरा का पर्यटन उद्योग इससे सबसे ज्यादा आहत है. उसके बाद तमाम उद्योग और पर्यटन से जुड़ी एजेंसियां आती हैं.

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आगरा में सिविल एयरपोर्ट है ही नहीं

पर्यटन से जुड़े लोगों के अनुसार देश में छोटे-छोटे शहरों में नए एयरपोर्ट बन रहे हैं. वहीं दुनिया में अपनी पहचान रखने वाला आगरा में एक एयरपोर्ट भी नहीं है. केंद्र और यूपी में बीजेपी सरकार आने के बाद जिस सिविल एन्कलेव के बनने की खबर से कुछ राहत महसूस हुई थी, वो भी अब खत्म हो गयी. ऐसे में एक बड़ा झटका आगरा के टूरिज्म व्यवसाय को लगेगा. पर्यटन व्यवसाइयों का कहना है कि कई विदेशी पर्यटक चार्टर प्लेन से आगरा आते हैं. जिनके लिए बड़ी समस्या सामने आती है. यही नहीं, जितना समय दिल्ली से आगरा नहीं लगता, उससे कई ज्यादा समय आगरा एयरफोर्स स्टेशन से बाहर निकलने में फिलहाल लग जाता है. इसके अलावा सिविल एन्कलेव न होने से फ्लाइट आवागमन का कोई उचित शेड्यूल तय नहीं हो पाता. इसका सीधा नुकसान आगरा को पहुंचता है.