काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ाये गये फूल, धतूरा व बेलपत्र से बनेगी अगरबत्ती, महकेगा आपका घर
वाराणसी. काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में चढ़ाये गये फूल, धतुरा व बेलपत्र चढ़ने के बाद अब पूजा के काम में आएंगे. दरसल अब इन चढ़े हुए फूल और बेलपत्र से अगरबत्ती बनायी जा रही हैं.
highlights
- रिसायकलिंग के साथ ही रोजगार भी उपलब्ध होगा
- महिलाओं का समूह बनाएगा अगरबत्ती
- 30 रुपये और 50 रुपये में दिए जाएंगे अगरबत्ती के पैकेट
वाराणसी:
वाराणसी. काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में चढ़ाये गये फूल, धतुरा व बेलपत्र चढ़ने के बाद अब पूजा के काम में आएंगे. दरसल अब इन चढ़े हुए फूल और बेलपत्र से अगरबत्ती बनायी जा रही हैं. ताकि फिर से उन्हें ईशवर की आराधना में उपयोग किया जा सके.
इतना ही नहीं बल्कि इससे महिलाओं को रोजगार मिलने के साथ ही मंदिर में मिलने वाली सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हो रही है. महिलाओं द्वारा फूलों से मंगलदीप अगरबत्ती तैयार की जा रही है जिसे अब लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा और इस प्रोजेक्ट का उदघाटन आने वाले दिनों में खुद मुख्यमंत्री करेंगे.
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काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन हजारों से लेकर लाखों भक्त आते हैं. यह संख्या सावन में कई गुना बढ़ जाती है. सभी भक्त बाबा को माला व बेलपत्र चढ़ाते हैं. मंदिर में प्रतिदिन भारी मात्रा में माला, धतूरा व बेलपत्र एकत्रित हो जाता है. मंदिर में चढ़ा होने के कारण माला व फूल का विशेष ध्यान दिया जाता है.
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पहले तो इसे कंपोस्टिंग करके अन्य कार्य में उपयोग किया जाता था लेकिन अब मंदिर प्रशासन ने एक कदम और बढ़ाते हुए माला व बेलपत्र से अगरबत्ती बनाने का काम शुरू किया गया है. काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है की आईटीसी कंपनी ने फूल से अगरबत्ती बनाने की तकनीक दी है और महिला समूह द्वारा वाराणसी और चंदौली में अगरबत्ती बनाने का काम शुरू हो गया है.
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अगरबत्ती अब आम लोगों तक पहुंचने को तैयार है. मंदिर प्रशासन की इस पहल से सभी को बड़ा फायदा होने वाला है. बाबा को चढ़े फूल व माला एक बार फिर पूजा में उपयोग होंगे. अगरबत्ती बेचने से जो लाभ मिलेगा. उसका एक अंश मंदिर की व्यवस्था सुधार में खर्च होगा.
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अगरबत्ती बनाने की कार्ययोजना के मुताबिक अगरबत्तियों के निर्माण का मुख्य जिम्मा वाराणसी और चंदौली के महिला स्वयं सहायता समूह उठा रहे हैं. इससे जहां महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिल रहा है तो वहीं मांग बढ़ने पर अन्य क्षेत्रों में विस्तार किया जाएगा. इससे बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार मिलेगा जिससे महिलाएं भी बेहद खुश हैं.
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अगरबत्ती बनाने वाली महिला रूबी और सविता बताती हैं कि इस काम से जहां हमें रोजगार मिल रहा है तो वहीं ईश्वर की आराधना के लिए हम कुछ योगदान दे पा रहे हैं. अगरबत्ती की बिक्री पर रॉयल्टी के रूप में न्यास को 30 रुपये के पैकेट पर एक रुपये और 50 रुपये के पैकेट पर दो रुपये मिलेंगे और अगरबत्ती योजना की लॉंचिंग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों कराने के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है पर इसकी तिथि अभी निर्धारित नहीं है.
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