राम और रामायण के बाद बीजेपी की नजर 'महाभारत' की हस्तिनापुर पर

अयोध्या में विवादास्पद जमीन का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आने के बाद ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी राम और रामायण के बाद महाभारत की तरफ ध्यान केंद्रित करने जा रही है.

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Nihar Saxena
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राम और रामायण के बाद बीजेपी की नजर 'महाभारत' की हस्तिनापुर पर

सांकेतिक चित्र( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

अयोध्या में विवादास्पद जमीन का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आने के बाद ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी राम और रामायण के बाद महाभारत की तरफ ध्यान केंद्रित करने जा रही है. भाजपा के एमएलसी यशवंत सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है, जिसमें हस्तिनापुर के खोए हुए गौरव को बहाल करने का अनुरोध किया गया है. अपने पत्र में, एमएलसी ने कहा है कि पिछले 72 वर्षों में, हस्तिनापुर पर ध्यान नहीं दिया गया, जो एक समय देश की राजधानी हुआ करती थी.

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जीर्ण-शीर्ण हो चुका है हस्तिनापुर का किला
उन्होंने आगे कहा है कि हाल के महीनों में दो बार हस्तिनापुर का दौरा किया है और हस्तिनापुर में किले को जीर्ण-शीर्ण हालत में पाया है. यशवंत सिंह ने कहा, 'किले का पुनर्निर्माण कराने और इसकी चारदीवारी की मरम्मत कराने की जरूरत है. क्षेत्र में अतिक्रमण काफी है और राजा शांतनु के महल के अवशेषों पर एक कब्रिस्तान बनाया गया है.' एमएलसी ने कहा कि ऐतिहासिक शहर को पुनर्निर्मित करने का पहला प्रयास पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1949 में किया था, लेकिन कांग्रेस ने वास्तव में इस परियोजना पर काम कभी शुरू नहीं किया.

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योगी सरकार खोया गौरव लाए वापस
उन्होंने कहा, 'अब जब योगी आदित्यनाथ सरकार यहां है, तो हम एक ऐसे शहर के जीर्णोद्धार की उम्मीद कर सकते हैं जो इतिहास के साथ-साथ पौराणिक कथाओं का भी अभिन्न अंग है.' हस्तिनापुर अब मेरठ जिले का एक हिस्सा है. यशवंत सिंह समाजवादी पाटी के पूर्व एमएलसी हैं, जिन्होंने 2017 में योगी आदित्यनाथ को विधान परिषद का सदस्य बनाने के लिए अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया था. सिंह बाद में भाजपा में शामिल हो गए और फिर से एमएलसी बन गए.

HIGHLIGHTS

  • भारतीय जनता पार्टी राम और रामायण के बाद महाभारत की तरफ ध्यान केंद्रित करने जा रही है.
  • उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से हस्तिनापुर के खोए गौरव को बहाल करने का अनुरोध किया गया.
  • एक समय देश की राजधानी रहे हस्तिनापुर की बदहाली पर 72 सालों में नहीं दिया गया कोई ध्यान.

Source : IANS

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