उन्नाव दुष्कर्म मामले के आरोपी और भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि कुलदीप सेंगर के भाई और पूर्व ब्लॉक प्रमुख मनोज सेंगर को दिल्ली में हार्ट अटैक आया था, जिसकी वजह से देर रात उसकी जान चली गई. दीपावली पर्व पर घटना से विधायक परिवार में कोहराम मच गया है.
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बता दें कि मृतक मनोज सेंगर के खिलाफ पीड़िता के सड़क हादसे की घटना में सीबीआई में मुकदमा दर्ज है. जबकि उन्नाव दुष्कर्म कांड के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर इस समय जेल में बंद है. जुलाई महीने जब पीड़िता रायबरेली में अपने चाचा से मिलकर वापस उन्नाव जा रही थी, तभी उसकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मारी थी. जिसमें उसकी मौसी और चाची की मौत हो गई थी, जबकि पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
इस हादसे को लेकर कुलदीप सेंगर, उनके भाई मनोज सेंगर और आठ अन्य के खिलाफ सड़क दुर्घटना के एक मामले में पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी. इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक धमकी और आपराधिक साजिश शामिल हैं. रायबरेली में कार से टकराया यह ट्रक फतेहपुर के एक सपा नेता का था.
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'सेंगर बंधुओं' के हाथों हुए जघन्य अपराधों की फेहरिश्त उन्नाव दुष्कर्म मामले पर आकर नहीं रुकती. अपने लिए न्याय की गुहार लगा रहे डीआईजी रैंक के उत्तर प्रदेश कैडर के एक आईपीएस अधिकारी राम लाल वर्मा पर 'सेंगर बंधुओं' ने कभी चार गोलियां दाग दी थीं, जो उनके सीने और पेट में लगी थीं. उत्तर प्रदेश में खासा रसूख रखने वाले सेंगर बंधुओं ने आईपीएस अफसर वर्मा पर जानलेवा हमले के अहम दस्तावेज न सिर्फ गुम करबा दिए, बल्कि मामले की सुनवाई वर्षों तक टलवा दी थी.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो