UP के एक छोटे से स्कूल ने पेश की नजीर, 3 महीने की फीस की माफ, आर्थिक मदद के लिए भी तैयार

लॉक डाउन की वजह से सरकार ने सभी स्कूलों को बंद करवा दिया है. ऐसे में बड़े बड़े शिक्षण संस्थानों की मोटी कमाई पर अंकुश लग गया है.

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Sushil Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

Coronavirus (Covid-19) : लॉकडाउन में जहां एक तरफ कुछ स्कूल अभिवावकों पर फीस जमा करने के लिए लगातार दवाब बना रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ बनारस का एक ऐसा स्कूल मिसाल कायम किया है. स्कूल ने अपने सभी छात्रों से फीस (School Fees) नहीं लेने का ऐलान कर दिया है. जिसके बाद हर कोई इस स्कूल की तारीफ कर रहा है. स्कूल ने सभी बच्चों की 3 महीने की फीस माफ कर दी है. आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के परिजनों की मदद के लिए भी कहा है. लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से सरकार ने सभी स्कूलों को बंद करवा दिया है. ऐसे में बड़े बड़े शिक्षण संस्थानों की मोटी कमाई पर अंकुश लग गया है.

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उन स्कूलों को दिखाया आईना, जो फीस के नाम पर लूटते हैं

सरकार ने ये भी आदेश जारी किया है कि फीस के नाम पर कोई भी स्कूल किसी बच्चे को या उसके परिजन को प्रताड़ित (Coronavirus (Covid-19), Lockdown Part 2 Day 1, Lockdown 2.0 Day one, Corona Virus In India, Corona In India, Covid-19) नहीं करेगा. ऐसे में कई स्कूल ऐसे भी है जो फीस के साथ साथ ट्रांसपोर्ट चार्ज भी लगाकर परिजनों से ऑनलाइन जमा करने की बात कह रहे हैं. शहर के एक छोटे से स्कूल ने एक नजीर पेश करते हुए उन सभी को आइना दिखाने का काम किया है जो फीस के नाम पर लोगों को लूटने का काम कर रहे हैं. पांडेयपुर के नई बस्ती से संचालित होने वाले पुष्पा सीटी प्राइड स्कूल ने एक नोटिस जारी किया है कि सभी बच्चों की अप्रैल, मई और जून माह की फीस माफ की जाती है.

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आर्थिक रूप से कमजोर अभिवावकों को मदद का किया ऐलान

इसके साथ ही जिन बच्चों के परिजन आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं वो विद्यालय से संपर्क कर सकते है. हालांकि स्कूल फीस को लेकर यूपी सरकार भी सख्त है. यूपी सरकार ने पहले ही कहा था कि कोई भी स्कूल तीन महीने तक फीस वसूली नहीं कर सकता है. अगर ऐसा करते हैं तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. नोएडा के भी जिला अधिकारी सुहास एलवाई ने साफ कर दिया था. साथ ही ट्रांसपोर्ट के नाम पर कोई वसूली नहीं की जाएगी. लेकिन कुछ स्कूल वाले इस संकट के घड़ी में भी अभिवावकों पर दबाव डाल रहे हैं.

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