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हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया 828072 क्यूसेक पानी, मंडराया बाढ़ का खतरा

हरियाणा में स्थित हथिनी कुंड बैराज (ताजेवाला) से रविवार शाम छह बजे 8,28,072 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ने से दिल्ली और नोएडा में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है.

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Dalchand Kumar
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हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया 828072 क्यूसेक पानी, मंडराया बाढ़ का खतरा

फाइल फोटो

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हरियाणा में स्थित हथिनी कुंड बैराज (ताजेवाला) से रविवार शाम छह बजे 8,28,072 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ने से दिल्ली और नोएडा में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. गौतमबुद्ध नगर के जिला अधिकारी बी.एन. सिंह ने यमुना के किनारे रहने वालों को सभी जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन के प्रवक्ता राकेश चौहान ने बताया कि पानी के मंगलवार की रात तक नई दिल्ली में ओखला बैराज पर पहुंचने की संभावना है. उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी ने बाढ़ एवं सिंचाई विभाग समेत अन्य संबंधित सरकारी एजेंसियों को सतर्क रहने, पानी की स्थिति पर नजर बनाए रखने और आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

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उधर, बांदा और हमीरपुर जिलों से होकर बह रहीं केन, बेतवा और यमुना नदियों में बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण यहां बाढ़ के हालात बन गए हैं. यहां कई दर्जन गांवों का संपर्क मुख्यालयों से टूट गया है. केंद्रीय जल आयोग के बांदा स्थित कार्यालय के अनुसार, झांसी के माताटीला बांध से बेतवा नदी में तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि राजस्थान के कोटा बैराज से यमुना नदी में आठ लाख क्यूसेक पानी और मध्य प्रदेश के गंगऊ व बरियारपुर बांध से करीब 35 हजार क्यूसेक पानी केन नदी में छोड़े जाने के कारण बांदा और हमीरपुर जिलों में बाढ़ के हालात बन गए हैं.

केंद्रीय जल आयोग कार्यालय बांदा के अधिशासी अभियंता अमित कुरेडिया ने बताया किबेतवा और केन नदी का जलस्तर 20 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से और यमुना नदी का जलस्तर 28 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. बांदा के चिल्ला में यमुना नदी खतरे के निशान 100 मीटर से डेढ़ मीटर अभी नीचे है. हमीरपुर के जिलाधिकारी अभिषेक प्रताप ने बताया कि बेतवा और यमुना नदी में अचानक बढ़े जलस्तर से कम से कम 80 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है और लगातार नजर बनाए हुए हैं.

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बांदा के अपर जिलाधिकारी संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि केन और यमुना नदी में पानी बढ़ जाने से पैलानी तहसील क्षेत्र के करीब पांच दर्जन गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है. अब नदियों का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है, फिर भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन तैयार है.

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