मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की स्वयं सहायता समूह की 58 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए उन्हें प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में बन रहे शौचालयों के देख-रेख की कमान सौंपी जाएगी. इसके बदले में सरकार की ओर से उन्हें 6 हजार रुपये का मानदेय हर माह दिया जाएगा. पहले चरण में बन चुके 6 हजार शौचालयों में उन्हें काम दे भी दिया गया है. सरकार की ओर से प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छता को लेकर प्रदेश भर में कार्यवाही की जा रही है. इसी के आधार पर प्रदेश की 58 हजार ग्राम पंचायतों में शौचालय बनवाए जा रहे हैं. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण 2) में एक सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर तीन लाख रुपये दिए जा रहे हैं.
कई जिलों में इससे अधिक लागत के बेहतर मानक के बड़े सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी किया जा रहा है. इन शौचालय में कार्य कर रही महिलाओं को साल में दो बार पीपीई किट, ग्लब्स और केमिकल आदि भी दिए जाएंगे. अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि हमारी कोशिश है कि मार्च तक पूरे प्रदेश के हर ग्राम पंचायत में शौचालयों का निर्माण पूरा हो जाए. पहले चरण में पूरे हो चुके 6 हजार शौचालयों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार दिया गया है. जैसे-जैसे निर्माण पूरे होते जाएंगे, वैसे-वैसे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. जिन शौचालयों का निर्माण पूरा हो चुका है, हम उनका थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन भी करा रहे हैं. इसमें निर्माण की गुणवत्ता आदि की जांच की जाएगी.
सरकार ग्राम पंचायतों में हर शौचालय की रखरखाव के लिए प्रति माह 9 हजार रुपये देगी. सफाई कर्मचारी या केयर टेकर दिन में कम से कम दो बार सफाई करेगा और उसे 6 हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. बिजली, प्लंबिग, नल और टोटी की मरम्मत के लिए पांच सौ रुपये प्रति माह और साफ सफाई के लिए झाड़ू, ब्रश, वाईपर, स्पंज, कपड़े, पोछा, बाल्टी, मग आदि के लिए छह माह में एक बार 12 सौ रुपये दिए जाएंगे. निसंक्रामक सामग्री साबुन, वाशिंग पाउडर, एयर फ्रेशनर, ग्लब्स, हारपिक, मास्क, दस्ताने और एप्रेन के लिए एक हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. यूटिलिटी चार्जेज के रूप में पानी, बिजली, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एक हजार प्रति माह और अन्य खर्चों के लिए तीन सौ रुपये प्रति माह दिए जाएंगे.
Source : News Nation Bureau