संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ यहां हाल में हुए हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 67 दुकानें सील कर दी गईं. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. हिंसक प्रदर्शनों में 12 से अधिक पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गये और कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई. पुलिस उपमहानिरीक्षक (सहारनपुर रेंज)उपेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि बलवा क्षेत्र में हिंसा को लेकर दो मामले दर्ज किये गये हैं जिनमें 262 लोगों के नाम हैं. पुलिस ने हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में इस आरोप में 67 दुकानों को सील कर दिया कि इन दुकानों के मालिक इन घटनाओं और लोगों को भड़काने में शामिल थे. अग्रवाल ने कहा कि कोतवाली पुलिस थाने में एक मामला (105 लोगों के खिलाफ) दर्ज किया गया है और एक अन्य मामला सिविल लाइंस थाने में दर्ज किया गया है जिसमें 157 लोगों के नाम है.
पुलिस ने आगजनी, दंगा और हत्या का प्रयास से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत 24 और मामले दर्ज किये है लेकिन ये मामले अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किये गये है. अधिकारियों ने बताया कि जिले में बृहस्पतिवार से ही इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. शुक्रवार की नमाज के बाद इस कानून के खिलाफ यहां हिंसक प्रदर्शन हुए थे. कुछ स्थानों से पथराव, आगजनी और लूटपाट की घटनाएं हुई थी जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गये थे. पुलिस ने बताया कि उप-निरीक्षक स्तर के कुछ अधिकारी और कांस्टेबल समेत 12 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गये थे. हालांकि पुलिस इन घटनाओं में घायल हुए प्रदर्शनकारियों की कुल संख्या नहीं बता सकी. सूत्रों ने बताया कि शनिवार और रविवार को किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने छापे मारे और अब तक 48 लोगों को गिरफ्तार किया है. शुक्रवार की नमाज के बाद शहर के मदीना चौक, कच्ची सड़क और मीनाक्षी चौक (खालापार क्षेत्र) से हिंसा की घटनाएं हुई थी. उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सईद-उज-जमान ने बताया कि उनके परिसर में खड़ी चार कारों को जला दिया गया.
यह क्षेत्र सिविल लाइंस पुलिस थाना क्षेत्र में आता है. सूत्रों ने बताया कि अलग-अलग घटनाओं में 10 से अधिक दोपहिया वाहनों को जला दिया गया और एक मस्जिद के निकट दुकानों को लूट लिया गया और इनमें से कुछ में आग लगा दी गई. उन्होंने बताया कि मोबाइल दुकानों में भी लूटपाट की गई. उन्होंने बताया कि देना बैंक की एक शाखा में सीसीटीवी कैमरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और उसके बाहर खड़े दो पहिया वाहनों को जला दिया गया. इस बीच जिन लोगों की दुकानों को लूटा गया या जलाया गया, उन्होंने आरोप लगाया गया है कि पुलिस उनकी शिकायतें दर्ज नहीं कर रही है. इस आरोप पर पुलिस से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा, ‘‘हम हिंसा के खिलाफ हैं, पुलिस को सरकार के दबाव में काम नहीं करना चाहिए. निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. जिन लोगों के वाहनों को जला दिया गया और जिनकी दुकानों को लूटा गया, उनके मामलों को दर्ज किया जाना चाहिए. किसी निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.’’ उन्होंने दावा किया कि हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई. उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की जांच होनी चाहिए कि उसे किसने मारा. इसके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.’’ पुलिस ने हालांकि कहा कि उन्हें किसी की मौत होने के बारे में कोई सूचना नहीं है.
Source : Bhasha