प्याज की निर्यात पर रोक लगने के बावजूद भी भारत-नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर सोनौली व ठूठीबारी से प्याज जाती रही. आलू के कागजात पर प्याज निर्यात होता रहा. तस्करी का खुलासा होने के बाद कस्टम विभाग की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आ गई है.
प्याज का निर्यात लगातार हो रहा था और क्या सचमुच कस्टम विभाग इससे अंजान था. इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए राजस्व खुफिया निदेशालय की टीम जुट गई है. नौतनवा कस्बे से व्यापारी सन्नी मद्धेशिया से पूछताछ की जा रही है. राजस्व खूफिया निदेशालय की टीम की इस कार्रवाई से कस्टम व पुलिस महकमा अनजान बना हुआ है. जांच में मिली जानकारी के मुताबिक 3600 क्विंटल प्याज ठूठीबारी-महेशपुर बॉर्डर से नेपाल भेजी गई थी.
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पकड़े गए व्यापारी से पूछताछ में कई नए मामले सामने आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक कस्टम के कुछ अधिकारियों से भी पूछताछ करने की सूचना मिल रही है. यह प्याज सीधे कस्टम कार्यालय के सामने से चली गई. जबकि परमिट के कागज में आलू का निर्यात दिखाया गया था. इसके पहले भी ठूठीबारी-महेशपुर बॉर्डर से भी तीन ट्रक प्याज अवैध रूप से नेपाल निर्यात किया गया.
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कस्टम उपायुक्त शशांक यादव का इस मामले पर कहना है कि प्याज नेपाल नहीं जा रही है. लेकिन 30 सितंबर को आलू के कागज पर प्याज पास कर दिया गया था. जिसकी जांच चल रही थी. जब यह साबित हो गया कि प्याज ठूठीबारी-महेशपुर बॉर्डर से नेपाल भेजी गई तो उसी के आधार पर सन्नी मद्धेशिया पर कार्रवाई की गई है.
वहीं दूसरी तरफ सिद्धार्थनगर में एसएसबी 43वीं वाहिनी के जवानों ने ककरहवा बाजार के पास से भारतीय व नेपाली मुद्रा के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. एसएसबी ने 1.21 लाख भारतीय व 32 हजार नेपाली मुद्रा के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो