बिजली विभाग के 17 अधिकारी और कर्मचारियों ने सांठगांठ कर अस्थाई कनेक्शन देने के नाम पर गड़बड़ी कर विभाग को करोडों रुपए का चूना लगाया है. इन अधिकारियों पर जांच के बाद बर्खास्त करने और विभाग को नुकसान पहुंचाए गए पैसे की रिकवरी करने के आदेश दिए गए हैं. नोएडा में बड़ी-बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियां और उद्योग व रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट हैं. इन सभी में निर्माण के दौरान अस्थाई बिजली कनेक्शन लेकर निर्माण कार्य पूरा कराने का प्राविधान है और अस्थाई कनेक्शन देने के लिए बिजली विभाग की तरफ से नियम बनाए गए.
ऐसे ही अस्थाई कनेक्शन देने के नाम पर ग्रेटर नोएडा और जेवर डिवीजन के अधिकारियों ने गड़बड़ी कर अपने निजी फायदे के लिए विभाग को करोड़ों का चूना लगा दिया. इस मामले की शिकायत होने के बाद प्राथमिक जांच में 3 सीनियर और 14 जूनियर अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर इन सबको ग्रेटर नोएडा और जेवर से तबादला कर दिया था. अब जांच पूरी होने के बाद यूपी पवार कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष ने 3 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया और अन्य 14 अधिकारी और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोकने व बर्खास्त अधिकारियों से एक करोड़ 10 लाख की रिकवरी के आदेश दिए है.
इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर हुई कार्यवाही
यूपी पवार कॉर्पोरेशन के सीनियर अधिकारियों द्वारा की गई जांच में अधिशासी अभियंता प्रभात कुमार, उप खंड अधिकारी चंद्रवीर और अवर अभियंता विशाल शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है. इन तीनों से एक करोड़ दस लाख की रिकवरी करने के आदेश दिए गए हैं. अधियाशी अभियंता प्रभात कुमार से 34,59 लाख की रिकवरी होगी. उप खंड अधिकारी चंद्रवीर से 26.95 लाख की रिकवरी होगी और अवर अभियंता विशाल शर्मा से 23.18 लाख की रिकवरी होगी. इनके अलावा अन्य 14 कर्मचारी अधिकारियों में तत्कालीन अधिशासी अभियंता संजय कुमार, सहायक अभियंता पंकज कुमार राठौर उप खंड अधिकारी प्रेम शंकर शर्मा व शिवकुमार सहायक अभियंता राजस्व संजूल कुमार, अवर अभियंता साजिद अहमद व महेश कुमार, ब्रज किशोर राय, अरविंद, डालचंद, राजकुमार, सुभाष गोतम, नीरज गुप्ता, सहायक लेखाकार अनिल राणा की वेतन वृद्धि रोकी गई है और इनमें से कई अभियंताओं से 25 लाख की वसूली होगी .
इस तरह से इन अधिकारियों ने की थी गड़बड़ी
जांच में सामने आया है की बिजली विभाग में तैनात इन 17 अधिकारियों और कर्मचारियों ने जेवर और ग्रेटर नोएडा में अस्थाई कनेक्शन नियमों को ताक पर रख कर बाटें. महज 2 दिनों में 39 अस्थाई कनेक्शन दे दिए और आवेदन भी ऑनलाइन नहीं कर ऑफलाइन ही करा दिया. यमुना अथॉरिटी के इलाके में एक बड़ी मोबाइल कंपनी को 1600 वाट का अस्थाई कनेक्शन देने के नाम पर पहले चार करोड़ फिर करीब 2 करोड़ की मांग की ओर फिर ये कनेक्शन करीब 33 लाख में दे दिया. जांच में सामने आया है की अस्थाई कनेक्शन की रीडिंग तक का रिकॉर्ड रजिस्टर में नहीं मिला. इस तरह से विभाग को करीब एक करोड़ 10 लाख का चूना लगाया. अब विभाग के अधिकारी इस तरह अन्य मामलों की जांच करने और कार्यवाही करने की बात कह रहे हैं.
Source : Amit Choudhary