जौहर यूनिवर्सिटी गेट के मामले में उप जिलाधिकारी के न्यायालय में बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई. इस दौरान यूनिवर्सिटी की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया कि जिला जज के न्यायालय में भी अर्जी लगाई गई थी, जो खारिज हो गई है. इसलिए हमें हाईकोर्ट जाने के लिए समय दिया जाए. कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है. अब इस मामले की एसडीएम कोर्ट से आदेश हुआ है. इसमें मार्ग पर से कब्जा हटाने का आदेश दिया गया है.
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इस मार्ग के रास्ते में जौहर यूनिवर्सिटी ने गेट बना रखा है. अब जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ा जाएगा. कोर्ट ने कहा कि PWD का ये मार्ग है. इस पर गेट नही बन सकता. आज आदेश हुआ है कि 15 दिन के भीतर जौहर यूनिवर्सिटी मार्ग से कब्ज़ा हटा लिया जाए. इसके अलावा 3 करोड़ 27 लाख 60 हज़ार रुपए की क्षतिपूर्ति जौहर यूनिवर्सिटी द्वारा जमा करने का आदेश दिया गया है.
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साथ ही 9 लाख 10 हज़ार रुपये प्रति माह मुकदमा चलाने के दिन से भी जमा करने का आदेश दिया गया है. आपको बता दे कि 11.500 किलो मीटर रोड के बीच में जौहर यूनिवर्सिटी ने अपना मुख्य द्वार बना रखा है. इसका चौड़ीकरण भी पीडब्ल्यूडी ने किया है. पीडब्ल्यूडी ने ही एसडीएम कोर्ट में इसमें वाद दायर किया था. आज़म खान के ये केस ट्रांसफर करने के अपील भी लगाई लेकिन वो खारिज हो गई थी.
ईडी का शिकंजा
मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए पैसा कहां से आया इसकी जांच भी अब होगी. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने डीएम से इस बारे में जानकारी तलब की है. यूनिवर्सिटी को बनाने में सराकारी पैसे का इस्तेमाल और जमीनों पर कब्जे संबंधी जांच पहले से ही एसआईटी कर रही है.
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जौहर यूनिवर्सिटी सांसद आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. लेकिन अब इस पर शासन और प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. शिकायतें मिलने पर शासन ने पहले SIT की जांच शुरु कराई है जो अभी भी जारी है. जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने सीडीओ की अध्यक्षता में एक टीम बनाई है.
HIGHLIGHTS
- PWD की जमीन पर यूनिवर्सिटी का गेट बनाने में हुई कार्यवाही
- गेट को PWD की जमीन से हटाना पड़ेगा
- लगातार आजम खान पर सरकार शिकंजा कसती जा रही है
Source : News Nation Bureau