वाराणसी का बीएचयू परिसर सुरक्षित नहीं है. यहां पर हाल में मिले आंकड़ों से यह साफ नजर आ रहा है कि जहां एक ओर साल के 365 दिन में 291 चोरी की वारदातें सामने आई हैं. वहीं दूसरी तरफ चन्दन के सात बड़े-बड़े पेड़ तक कुछ सालो में विश्वविधालय परिसर से गायब हो चुके हैं. अभी तक इसका सुराग नहीं मिल पाया है. इस तरह से देखा जा सकता है कि यहां पर छोटी चोरी से लेकर चन्दन तस्करी तक के मामले मिल रहे हैं. अब बीएचयू प्रशासन सीआईएसएफ से बीचयू की सुरक्षा का रिव्यू करा रही है. यहां पर अपराध बेलगाम है.
291 चोरी और 13 बार छेड़खानी की घटना हुई
बीएचयू में सुरक्षा सिर्फ दस्तावेजों में ही है. यहां कागज पर 700 से अधिक सुरक्षाकर्मी हैं. वहीं 50 से अधिक बाउंसरों की भी तैनाती है. हैरान करने वाली बात तो यह है कि सुरक्षा पर 10 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इसके बावजूद एक साल में 291 चोरी और 13 बार छेड़खानी की घटना हुई और ये सब सामने आया आरटीआई के जरिये वाराणसी के तुलसीनगर सरायनंदन निवासी अनीशा चटर्जी ने 12 नवंबर को आरटीआई के तहत बीएचयू कैंपस के साथ ही अस्पताल, ट्रॉमा सेंटर में चोरी, छिनैती के साथ ही छेड़खानी की घटनाओं से जुड़ी जानकारी मांगी थी.
23 घटनाओं का जिक्र किया गया है
इस कार्रवाई की सूचना भी अनीशा ने मांगी थी. 16 दिसंबर को विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ऑफिस की ओर से ये जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि अक्तूबर 2023 से नवंबर 2024 तक बीएचयू परिसर में 291 चोरी के मामले हुए. इसमें सबसे अधिक दिसंबर 2023 में 35 और बीते माह नवंबर में 23 घटनाओं का जिक्र किया गया है.
आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि उन्होंने तो कई सवाल पूछे थे पर उन सब में ख़ास तो ये है की 2018 से 2023 तक बीएचयू परिसर से 10 में से सात चन्दन के पेड़ गायब हो गए. बीएचयू प्रबंधन ने बेशकीमती पेड़ गायब होने का एफआईआर कराया था. बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के द्रव्यगुण विभाग में करोड़ों के चन्दन के पेड़ गायब हुए इतने दिन हो गए पर अभी तक कोई अता-पता नहीं है.