उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आफत बने आंधी-तूफान, बारिश (Rain) और ओलावृष्टि के कारण घटित विभिन्न घटनाओं में पिछले 24 घंटों के दौरान कम से कम 28 लोगों की मौत हो गयी. सूचना निदेशक शिशिर ने शुक्रवार को बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा चलने के कारण विभिन्न हादसों में 28 लोगों की मृत्यु हुई है. उन्होंने बताया कि लखीमपुर खीरी और सीतापुर में छह—छह, जौनपुर और बाराबंकी में तीन—तीन, सोनभद्र में दो और वाराणसी, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, अयोध्या, चंदौली, कानपुर देहात, मिर्जापुर और बलरामपुर में एक—एक व्यक्ति की मौत हुई है.
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टिनशेड गिरने से शख्स की मौत
सीतापुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक सिधौली क्षेत्र में राम प्रसाद (55) बारिश से बचने के लिये एक टिनशेड के नीचे खड़ा था, तभी एक पेड़ टिनशेड पर गिर गया. उसकी चपेट में आने से उसकी मौत हो गयी. एक अन्य घटना में रामपुर कलां क्षेत्र में बारिश के बीच दीवार ढहने से 15 साल की एक लड़की की मौत हो गयी. संदना क्षेत्र में आसमान से गिरी बिजली की चपेट में आने से पिता—पुत्र झुलस गये. उनमें से पुत्र संदीप की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. वहीं, सरदारपुर क्षेत्र में रेशम (14) नामक लड़की की भारी बारिश के कारण गिरे पेड़ की चपेट में आने से मौत हो गयी. इसी थाना क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से एक मकान की दीवार गिरने से 40 वर्षीय दया नामक महिला की मौत हो गयी.
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मृतक के परिजनों को चार—चार लाख रुपये की सहायता
उप जिलाधिकारी अमित भट्ट ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद मृतकों के परिजन को आर्थिक सहायता दी जाएगी. इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्बन्धित अधिकारियों को बारिश और ओलावृष्टि के कारण हुए हादसों में मारे गये लोगों के परिजन को चार—चार लाख रुपये की सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा है कि मकान क्षति, पशुधन की क्षति के मामलों में भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाए.
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48 घण्टे के अंदर शासन को आख्या उपलब्ध कराए
जिलाधिकारी स्वयं पर्यवेक्षण करें कि 48 घण्टे में पीड़ितों को आर्थिक सहायता प्राप्त हो जाए. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को यह निर्देश भी दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में फसलों को हुए नुकसान का तत्काल आकलन करते हुए अधिकतम 48 घण्टे के अंदर शासन को आख्या उपलब्ध कराएं. योगी ने यह निर्देश भी दिए हैं कि जिलों के प्रभारी मंत्री प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें एवं जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर किसानों को प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएं.