उत्तर प्रदेश में क्वारंटाइन केंद्र से भागे 23 वर्षीय युवक ने की आत्महत्या

पीड़ित छह भाई-बहनों में सबसे छोटा था और 28 मार्च से गांव के बाहरी इलाके में बने एक स्कूल में क्वारैंटाइन में था.

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Sushil Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

लखीमपुर में रह रहे अपने परिवार से मिलने के लिए 23 साल का एक प्रवासी मजदूर पहले तो क्वारंटाइन केन्द्र से भाग गया और फिर यह पता चलने पर कि पुलिस उसे तलाश रही है, उसने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पीड़ित छह भाई-बहनों में सबसे छोटा था और 28 मार्च से गांव के बाहरी इलाके में बने एक स्कूल में क्वारंटाइन में था. पुलिस के अनुसार, वह अपने परिवार से मिलने के लिए दो बार क्वारंटाइन सेंटर से भाग गया था लेकिन दोनों बार अधिकारियों ने उसे ढूंढ निकाला था और उसे वापस केन्द्र में ले आए थे. पुलिस ने बताया कि वह मंगलवार दोपहर फिर से भाग गया था और अपने परिवार से मिलने के लिए गांव गया था. जब उसे पता चला कि पुलिस उसे तलाश रही है, तो वह अपने घर से भाग गया और बाद में उसका शव गांव के बाहरी इलाके में लटका हुआ मिला.

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पीड़ित को सक्वारैंटाइन में रखा गया था

पुलिस ने बताया कि शव को ऑटोप्सी के लिए भेज दिया गया है और जिला प्रशासन शोक संतप्त परिवार को मुआवजा प्रदान करेगा. मितौली के एसडीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि, पीड़ित को सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए क्वारैंटाइन में रखा गया था. हमने उसे यह भी बताया था कि उसके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसका अलग रहना एक एहतियाती उपाय है. इसके बाद भी पीड़ित अपने परिवार से मिलने के लिए कैंप से भाग गया. जब पुलिस उसे खोजते हुए गांव पहुंची, तो वह भाग निकला और बाद में उसे फांसी पर लटका पाया गया. मैगलगंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ चंद्रकांत सिंह ने कहा, ऐसा लगता है कि पीड़ित क्वारैंटाइन रहने को लेकर बहुत ज्यादा डर गया और उसने इतना बड़ा कदम उठाया.

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भोजन और अन्य आवश्यरक सुविधाएं-चीजें प्रदान कीं

जबकि अधिकारियों ने उसे बार-बार यह समझाने की कोशिश की उसका अलग रहना केवल एक एहतियाती उपाय है. अधिकारियों ने उसे केन्द्र में उचित भोजन और अन्य आवश्यरक सुविधाएं-चीजें प्रदान कीं. हम मामले की जांच कर रहे हैं और इससे मिलने वाले निष्कर्षों के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा. उत्तर प्रदेश में कोरोना से संबंधित यह पांचवीं आत्महत्या है. मंगलवार को बुखार और सर्दी से पीड़ित एक किसान ने 'अपने पूरे गांव को कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बचाने' के लिए आत्महत्या कर ली थी. यह घटना मथुरा में हुई थी. इससे पहले 24 मार्च को बुखार और खांसी से पीड़ित एक युवक ने कानपुर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली क्योंकि उसे डर था कि वह कोरोना वायरस से पीड़ित है. पिछले महीने, दो अलग-अलग घटनाओं में, हापुड़ और बरेली में दो युवाओं ने आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उन्हें यह लग रहा था कि वे इस वायरस से पीड़ित थे.

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