उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल (Uttar Pradesh Cabinet Meeting) ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए 218 त्वरित अदालतों (218 Fast Track Court) के गठन का निर्णय लिया है. प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक (Brijesh Pathak) ने सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक (Cabinet Meeting) के बाद संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर चिंता जाहिर की है.
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मंत्रिमंडल ने महिलाओं और बच्चों के साथ ऐसे अपराधों के मामलों की सुनवाई के लिए 218 त्वरित अदालतें गठित करने का निर्णय लिया है. इनमें से 144 अदालतें बलात्कार के मामलों की नियमित रूप से सुनवाई करेंगी जबकि 74 अदालतों में पोक्सो के मामले सुने जाएंगे. उन्होंने बताया कि इन सभी अदालतों के लिए अपर सत्र न्यायाधीश के 218 पद सृजित किए जाएंगे.
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साथ ही अदालत कर्मियों के भी पद बनाए जाएंगे. पाठक ने बताया कि इन अदालतों के गठन पर होने वाले खर्च का 60% हिस्सा केंद्र सरकार तथा 40% हिस्सा राज्य सरकार उठाएगी. हर नई त्वरित अदालत में वेतन तथा अन्य मदों पर 63 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है.
Source : Bhasha