उत्तर प्रदेश में चित्रकूट जिले के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती दो नवजात शिशुओं की शनिवार को मौत हो जाने पर शिशुओं के परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने इस पर रविवार को सफाई दी. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. एस.एन. मिश्रा ने कहा कि दोनों शिशु जन्म से ही बेहद कमजोर थे, उनका वजन भी बहुत कम था. चिकित्सकों ने दोनों को बचाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे.
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उन्होंने बताया कि पहाड़ी कस्बा निवासी भगवानदीन की पत्नी पूनम को शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के बाद यहां भर्ती किया गया था, लेकिन एसएनसीयू में भर्ती के दौरान नवजात शिशु की शनिवार को मौत हो गई. इसी तरह सेमरिया चरणदासी गांव के चिराग अली की पनी सुरीला बानो ने यहीं अस्पताल में एक शिशु को जन्म दिया था, लेकिन उसकी भी मौत हो गई.
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भगवानदीन और चिराग अली ने शिशुओं के इलाज में लापरवाही और देरी का आरोप लगाकर अस्पताल में काफी हंगामा किया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी. चिराग अली ने कहा, "नवजात की तबीयत बिगड़ने पर हमने तुरंत इलाज की आरजू की थी, लेकिन स्टाफ नर्स ने ड्यूटी खत्म होने की बात कहकर शिशु को देखना उचित नहीं समझा. काफी देर बाद एसएनसीयू में भर्ती किया गया था."
Source : आईएएनएस