नागरिकता संशोधन कानून के विरोध पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी है. उत्तर प्रदेश में 10 दिसंबर से लेकर अब तक नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अब तक 124 उपद्रियों पर FIR दर्ज हुई है वहीं 705 लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अब तक जेल भेजा गया है जबकि 4500 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद निजी मुचलके पर छोड़ा गया है. ये जानकारी उत्तर प्रदेश के आईजी लॉ एंड ऑर्डर प्रवीण कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए साझा की है. प्रवीण कुमार ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान पथराव और आगजनी में यूपी पुलिस के 263 जवान घायल हुए हैं जबकि इस दौरान 15 व्यक्तियों की मौत हुई है. यहां उन्होंने एक बात और बताई कि प्रदर्शन के दौरान किसी भी व्यक्ति की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है.
प्रवीण कुमार ने बताया कि बलवे वाली जगह से 315 और दूसरे अवैध असलहों के 405 अवैध असलहों के खोखे बरामद हुए हैं. वहीं रामपुर में आज एक रामपुर में पुलिस पर हमला हुआ है और रामपुर हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है. प्रवीण कुमार ने यह भी बताया कि ऐसी जानकारियां सामने आ रहीं हैं कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई हिंसा में पश्चिम बंगाल के लोग भी शामिल थे. उन्होंने आगे बताया कि उत्तर प्रदेश की हिंसा के दौरान सोशल मीडिया की भी अहम भूमिका रही है. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन से पहले सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया की 13 हजार पोस्ट आपत्तिजनक पाईं हैं. इनमें से 63 पोस्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि इन पोस्ट को लाइक और शेयर करने वाले 102 लोगों की गिरफ्तारियां हुईं हैं और 442 लोगों पर पाबंदी लगाई गयी है.
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वहीं नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शनिवार को रामपुर में प्रदर्शन हुआ. लोग ईदगाह से निकलकर घरों की ओर बढ़ने लगे. अलग-अलग इलाकों से आकर लोग हाथी खाना चौराहे पर जमा हो गए. हजारों की संख्या में भारी भीड़ हिंसक हो गई. जानकारी के मुताबिक पुलिस की बाइक समेत चार वाहनों को जला दिया गया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने इस दौरान गोली चलाई, वहीं पुलिस अफसरों ने इस बात से इनकार किया है. आरएएफ और पुलिस बल मौके पर मजबूत है. एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है. जबकि तीन लोग घायल हो गए हैं. मरने वाले युवक की शिनाख्त 24 वर्षीय फैज के रूप में हुई है. वह मुल्ला इरम इलाके का रहने वाला था. परिजनों का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस की फायरिंग में मौत हुई है.
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प्रदर्शन के दौरान जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार किया. शनिवार को पूरा शहर छावनी में तब्दील नजर आया. हर तरफ फोर्स ही फोर्स देखने को मिली. ईदगाह की ओर जाने वाला रास्ता बंद कर दिया गया. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उलेमा ने रामपुर में बंद का आह्वान किया था. प्रशासन ने हिंसा को देखते हुए जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो