उत्तर प्रदेश के आगरा के रुनकता कस्बे में 12 दिन के अबोध बच्चे की बंदरों ने जान ले ली थी. बच्चा उस समय अपनी मां की गोद में दूध पी रहा था, तभी बंदरों के झुंड ने झपट्टा मारकर बच्चे को छीन लिया और जमीन पर पटक-पटककर लहूलुहान कर दिया. बंदरों को भगाकर जब तक बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, उसने दम तोड़ दिया. घटना 12 नवंबर की है.
बच्चे के घरवालों का कहना है कि पूरा इलाका बंदरों के खतरों से जूझ रहा है. यहां बंदर झुंड में घूमते रहते हैं, जिससे लोक काफी भयभीत हैं. घर से निकलते समय लोग छड़ी लेकर जाते हैं. हमने प्रशासन से कई बार शिकायत की पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई. हम सरकार से मांग करते हैं कि इस बड़ी समस्या का कोई निदान निकाले. आखिर उस अबोध बालक का क्या दोष था, जो बेमौत मारा गया.
आगरा में यह घटना सोमवार रात करीब आठ बजे हुई. कस्बा रुनकता निवासी किसान योगेश के घर 12 दिन पहले बेटे का जन्म हुआ था. रात को योगेश की पत्नी नेहा बच्चे को दूध पिला रही थी कि एक दर्जन से अधिक बंदर पहुंच गए और बेटे को गोद से छीन लिया. बच्चे को घर से काफी दूरी तक घसीट कर ले गए. जमीन पर पटक-पटक कर उसे लहूलुहान कर दिया. चीख सुनकर परिवार और पड़ोस के लोग पहुंच गए और बंदरों को किसी तरह भगाया. जख्मी हालत में बच्चे को सिकंदरा स्थित अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्चे ने दम तोड़ दिया.