मध्य प्रदेश की सेनिटेशन एवं हाईजीन योजना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का यूनीसेफ मुरीद हो गया है. अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर सीएम मोहन के किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहा है. यह योजना किशोरियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर शुरू की गई है. इसके तहत उन्हें सेनिटरी नेपकिन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है.
बता दें कि डॉ. मोहन यादव 11 अगस्त को भोपाल में छात्राओं के संवाद एवं सम्मान कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने समग्र शिक्षा के अंतर्गत सैनिटेशन और हाइजीन योजना के तहत 19 लाख छात्राओं के खाते में 57 करोड़ 18 लाख रुपये की राशि अंतरित की थी. इस योजना के तहत कक्षा 7 से 12 तक की छात्राओं को सेनेटरी नेपकिन के लिए राशि अंतरित की गई है.
UNICEF ने बताया अनूठी पहल
यूनिसेफ ने अपने X पर पोस्ट के जरिए मुख्यमंत्री मोहन यादव के द्वारा किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए शुरू की गई सेनिटेशन एवं हाईजीन योजना को अनूठी पहल बताया है। यूनिसेफ ने अपने X पोस्ट में लिखा है कि हम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की किशोरियों में मासिक धर्म संबंधी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की पहल की सराहना करते हैं. यूनिसेफ इंडिया भारत सरकार और हितधारकों के साथ मिलकर स्कूल स्वच्छता और मासिक धर्म जुड़े स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है.
एमपी की है इकलौती पहल
देश में सैनिटेशन और हाइजीन योजना की पहल करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य बन गया है. इसका मुख्य उद्देश्य विद्यालयों और महाविद्यालयों की छात्राओं को स्वच्छता के महत्व और उनके उपायों के बारे में जानकारी देना है. स्कूल शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा अभियान के तहत इस योजना को संचालित किया जा रहा है. इसके तहत 11 अगस्त को राजधानी भोपाल के रवीन्द्र भवन में कार्यक्रम आयोजत किया गया था. इस कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे. इस दौरान सीएम ने 19 लाख 6 हजार 137 छात्राओं के अकाउंट में 57 करोड़ 18 लाख 41 हजार 100 रुपए की राशि ट्रांसफर की थी.
सीएम ने जताया आभार
यूनिसेफ द्वारा की गई सराहना पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यूनीसेफ द्वारा की गई सराहना पर आभार जताया। उन्होंने कहा, 'मध्य प्रदेश के किशोरों और बच्चों के लिए काम करने की हमारी प्रतिबद्धता को विश्व स्तर पर मान्यता देने के लिए यूनिसेफ इंडिया और अनिल गुलाटी का हार्दिक धन्यवाद।'