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चर्च में हथियार लेकर पादरी का पीछा करने वाला कौन? कर्नाटक की राजनीति में मचा घमासान

विपक्षी कांग्रेस ने इस कदम का विरोध किया है. राज्य के पार्टी प्रमुख डी के शिवकुमार ने आरोप लगाया है कि कानून का उद्देश्य ईसाइयों को निशाना बनाना है.

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Pradeep Singh
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चर्च में घुसा हथियारों से लैस व्यक्ति( Photo Credit : News Nation)

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कर्नाटक के बेलगावी में रविवार दोपहर को हथियारों से लैस एक व्यक्ति ने चर्च में घुसकर पुजारी का पीछा किया. घटना के सीसीटीवी फुटेज में चर्च के प्रभारी फादर फ्रांसिस डिसूजा का पीछा करते हुए वह व्यक्ति हाथ में छुरी लिए हुए दिखाई दे रहा है. उसे देखते ही पुजारी वहां से हट जाता है. हथियारबंद घुसपैठिया कुछ देर तक उसका पीछा करता है लेकिन बाद में भाग जाता है. वह आदमी एक तार भी ले जाते हुए दिखाई दे रहा है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वह इसे क्यों लाया.

यह घटना बेलगावी में शीतकालीन सत्र के लिए विधानसभा की बैठक से एक दिन पहले की है. विधानसभा में  इस सत्र में धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक विधेयक पेश किया जाना है, जिसका विपक्ष और ईसाई संगठनों ने विरोध किया है. चर्च ने  रविवार को पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. पुलिस शिकायत के बाद, चर्च में सुरक्षा दी गई है और जांच शुरू कर दी गई है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने  बताया, "चर्च के चारों ओर सुरक्षा घेरा बना दिया गया है. हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है. जांच जारी है." बंगलौर के आर्चडायसी के प्रवक्ता जे ए कंथराज ने इस घटना को "खतरनाक और परेशान करने वाला घटनाक्रम" करार दिया है.

इस साल सितंबर में, 30 हिंदू धर्मगुरुओं के साथ एक बैठक के बाद, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने कहा था कि राज्य में जल्द ही धर्मांतरण के खिलाफ एक कानून होगा और सरकार कानून बनाने के लिए अन्य राज्यों में ऐसे कानूनों को देख रही है.

विपक्षी कांग्रेस ने इस कदम का विरोध किया है. राज्य के पार्टी प्रमुख डी के शिवकुमार ने आरोप लगाया है कि कानून का उद्देश्य ईसाइयों को निशाना बनाना है.

इस कदम का विरोध करते हुए बेंगलुरु के आर्कबिशप पीटर मचाडो ने मुख्यमंत्री बोम्मई को पत्र लिखा है और उनसे इस कानून को बढ़ावा नहीं देने का आग्रह किया है.

उन्होंने लिखा, "कर्नाटक में पूरा ईसाई समुदाय एक स्वर में धर्मांतरण विरोधी विधेयक के प्रस्ताव का विरोध करता है और मौजूदा कानूनों के किसी भी विचलन की निगरानी के लिए पर्याप्त कानून और अदालत के निर्देश होने पर इस तरह के अभ्यास की आवश्यकता पर सवाल उठाता है."

संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का हवाला देते हुए, आर्कबिशप ने कहा कि इस तरह के कानूनों को लागू करने से नागरिकों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों का उल्लंघन होगा.

आर्कबिशप ने लिखा, "धर्मांतरण विरोधी विधेयक हाशिए के तत्वों के लिए कानून अपने हाथ में लेने और अन्यथा शांतिपूर्ण राज्य में सांप्रदायिक अशांति के माहौल को खराब करने का एक उपकरण बन जाएगा."

उन्होंने कर्नाटक सरकार के आधिकारिक और गैर-आधिकारिक ईसाई मिशनरियों और राज्य में कार्यरत संस्थानों और प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण करने के आदेश पर भी सवाल उठाया.

Source : News Nation Bureau

Ruckus in Karnataka politics Who is chasing the priest weapons in the church
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